बाड़मेर। विश्व के कई देश आज पानी की कमी से जूझ रहे हैं, ये वे देश हैं जहां पानी का अंधाधुंध दोहन हुआ था। वक्त पर वहां के लोगों ने पानी की कीमत नहीं पहचानी। इसके चलते आज हालात विकट हैं। यह कहना है यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर प्रियंका चौधरी का।
उन्होंने यह बात जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, केयर्न इंडिया और सीसीडीयू के तत्वावधान में शुरू हुए विश्व जल सरंक्षण सप्ताह के अवसर पर कही। स्थानीय मदर टेरेसा सीनियर सैकंडरी स्कूल में बुधवार को जल दिवस के अवसर पर इस आयोजन का आगाज हुआ। डॉक्टर प्रियंका चौधरी ने बच्चों को पानी की एक-एक बूंद बचाने की अपील की। विश्व जल सरंक्षण सप्ताह की शुरुआत में सीसीडीयू के आईईसी कन्सलटेन्ट अशोक सिंह राजपुरोहित ने सप्ताह भर में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। आयोजन को संबोधित करते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता नेमाराम परिहार ने कहा कि जल जीवन का सबसे अहम आधार है, इसके बिना किसी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में इसका अपव्यय रोकना बेहद जरूरी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाड़मेर पुलिस वृत्ताधिकारी ओम प्रकाश उज्ज्वल ने राजस्थानी में अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि जल और जीवन दोनों दूसरे के पर्याय हैं। दोनों को बचाने के लिए हर किसी को कदम बढ़ाने होंगे।
केयर्न इंडिया के डॉक्टर उमा बिहारी द्विवेदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने आने वाले कल में जल की कमी को देखते हुए जल दिवस की शुरुआत की। जल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आज हर किसी को गंभीरता से जल बचत के लिए कदम बढ़ाने होंगे। कार्यक्रम में आए अतिथियों का विद्यालय प्रबंधक ठाकराराम सारण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हरीश जांगिड़ ने किया।
बाड़मेर पानी
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