अहमदाबाद। गुजरात में वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी (एमएसयू)
की वार्षिक डायरी में प्राचीन भारत के साधुुु-संतों को लेकर एक दावा किया
गया है जो प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। यूनिवर्सिटी का
दावा है कि इन साधु-संतों ने एयरोस्पेस और परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में
शोध शुरू किया था। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
एमएसयू की 2017 की डायरी में ऎसे साधु-संतों की एक सूची
है जिनके बारे में कहा गया है कि उन्होंने वैज्ञानिक विकास की दिशा में कई
अहम काम किए, जिनमें मेडिकल के क्षेत्र में कॉस्मेटिक सर्जरी भी शामिल है।
कांग्रेस ने इस दावे को झूठा करार देते हुए आरोप लगाया है कि इसके पीछे
आरएसएस की दक्षिणपंथी सोच है।
जनवरी से लेकर दिसंबर तक हर महीने के पन्नों
पर डायरी में विभिन्न साधु-संतों के योगदान की सराहना की गई है । उदाहरण
के तौर पर संत सुश्रुत को कॉस्मेटिक सर्जरी का पितामह बताया गया है तो
आचार्य कणाद को परमाणु प्रौद्योगिकी विकसित करने का श्रेय दिया गया है।
कपिल मुनि को ब्रह्माण्ड विज्ञान के पितामह और आर्यभट्ट को गणित-खगोल
विज्ञान का प्रणेता करार दिया गया है और शून्य तथा पाइ के आविष्कार के लिए
उनकी तारीफ की गई है।
रॉकेट और विमान के विकास का श्रेय महर्षि भारद्वाज को दिया गया है जबकि
भास्कराचार्य को गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के अलावा पृथ्वी विज्ञान का
आविष्कारक भी बताया गया है।
इस लंबी सूची में स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ को
वैदिक गणितज्ञ बताया गया है और चरक ऋषि को आयुर्वेद की खोज करने वाले और
चिकित्सा-शास्त्र के पितामह के तौर पर सराहा गया है तो कहा गया है कि
सितारों के विज्ञान की खोज गर्ग मुनि ने की थी।
प्राचीन साधु-संतों की तारीफ करने के अलावा डायरी के पन्नों में जगदीश
चंद्र बोस, विक्रम साराभाई, सी वी रमण और श्रीनिवास रामानुजन जैसे आधुनिक
भारतीय वैज्ञानिकों और विद्वानों की भी चर्चा की गई है।
लोकसभा चुनाव 2024: 1बजे तक बिहार में 32.41%,J&K में 43.11% मतदान दर्ज,सबसे अधिक त्रिपुरा में 53.04% मतदान
लोकसभा चुनाव 2024 : जिन 102 सीटों पर हो रही है वोटिंग, जाने कैसा रहा था 2019 में उनका नतीजा
लोकसभा चुनाव 2024 : गांधीनगर से नामांकन करने के बाद बोले अमित शाह, 'मैं बूथ कार्यकर्ता से संसद तक पहुंचा'
Daily Horoscope