नई दिल्ली। नोटबंदी के वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में आते आते देश के विकास की रफ्तार गायब हो गई। एक झटके में देश से दुनिया की सबसे तेज दौड़ वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया। रफ्तार के मामले में चीन ने जनवरी-मार्च 2017 के दौरान 6.9 फीसदी की ग्रोथ रेट देकर इस दौरान भारत की 6.1 फीसदी ग्रोथ को काफी पीछे छोड़ दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि उनकी देश की
अर्थव्यवस्था की धीमी विकास दर की भविष्यवाणी सही थी और नोटबंदी ने इसे और
भी बदत्तर बना दिया।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, मैंने कहा था नोटबंदी से देश की विकास दर 1 से
1.5 फीसदी प्रभावित होगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार जुलाई 2016 से धीमी पड़नी
शुरू हो गई थी।
केन्द्र सरकार का तरफ से जारी जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक, 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले से इस वित्त वर्ष कीआखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) की विकास दर चौपट हो गई। जहां सरकार को उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में भी देश की जीडीपी 7 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दर्ज करने में सफल होगी, उस पर पानी फिर गया है और देश एक बार फिर मध्यम से सुस्त जीडीपी ग्रोथ वाले देशों में शुमार हो गया है।
गौरतलब है कि चीन सरकार के जनवरी-मार्च 2017 के जीडीपी आंकड़े 6.9 फीसदी की ग्रोथ दिखा रहे हैं। यह भारत के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन आंकड़ों का साफ संकेत हैं कि चीन एक बार फिर तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था के दौर में घुसने जा रहा है। दोनों, चीन और भारत ने पिछले कुछ वर्षों से बड़े आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया है जिससे दोनों की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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