नई दिल्ली। ऑनलाइन मनोरंजन चैनल ‘द वायरल फीवर’ (टीवीएफ) के सीईओ अरुणाभ कुमार के खिलाफ मुंबई में यौन उत्पीडऩ का केस दर्ज किया गया है। टीवीएफ की पूर्व महिलाकर्मी ने आरोप लगाया था कि दो साल की नौकरी के दौरान अरुणाभ कुमार ने उसका शोषण किया था। बुधवार की शाम पीडि़ता ने अंधेरी ईस्ट स्थित एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में जाकर अपना बयान दर्ज कराया। हालांकि अरुणाभ ने पीडि़ता के आरोप को झूठा बताया है और कानूनी कार्रवाई का सामना करने की बात कही है। लेकिन मामला यहीं नहीं रुकता, इस पीडि़ता के अलावा और भी ऐसी कई लड़कियां सामने आई हैं, जिन्होंने अरुणाभ पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
एक लडक़ी ने लिखा है- ‘अरुणाभ के घर पर तीन महिलाओं के साथ मेरी एक मीटिंग थी। अपार्टमेंट के हॉल में मीटिंग चल रही थी, तभी अरुणाभ मीटिंग बीच में छोडक़र उठ गया और अंदर की तरफ चला गया। कुछ देर बीतने के बाद जब वह नहीं आया, तो मैं आवाज देते हुए अंदर की तरफ गई। अचानक मैंने महसूस किया कि किसी ने पीछे आकर मेरे दोनों वक्षस्थल दबा दिए। मैं पीछे मुडक़र देखा, तो वह अरुणाभ था। मैं हैरान थी। वह मेरी आंखों में आंखें डालकर देख रहा था। मैं कमरे से भागी। मीटिंग तुरंत खत्म करके लौट आई। इसके बाद टीवीएफ कभी वापस नहीं लौटी।’ यह उसी महिला की सनसनीखेज दास्तान है, जिसने यूट्यूब चैनल ‘द वायरल फीवर’ के सीईओ और संस्थापक अरुणाभ कुमार पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उसके साथ कई बार छेड़छाड़ की गई। हालांकि, टीवीएफ ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उस पर लगाए गए इल्जाम पूरे तरीके से झूठे हैं। ये टीवीएफ और उसकी टीम को बदनाम करने के लिए लिखा गया है। वहीं, इस मामले में कई और महिलाओं ने अरुणाभ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए आपबीती शेयर की हैं।
‘चतुर्भुज स्थान का नाम सुनी हो? मुझे बहुत पसंद है’
उस दिन शाम करीब 6.45 बजे अरुणाभ ने अचानक मुझे कॉल करके ऑफिस बुलाया। उसका कहना था कि मेरे काम का कुछ हिस्सा पूरा नहीं हुआ है। मैं तुरंत ऑफिस पहुंची। वहां तीन लोग मौजूद थे। उनमें से दो पांच मिनट के अंदर चले गए। अरुणाभ अपनी कुर्सी पर आराम से बैठा था। उसने मेरी तरफ देखा और पूछा- चतुर्भुज स्थान का नाम सुनी हो? मैं चकित थी। चतुर्भुज स्थान बिहार के मुजफ्फरपुर का रेड लाइट एरिया है। मैंने इस सवाल पर कोई रेस्पांस नहीं दिया। उसने आगे पूछा- मुझे चतुर्भुज स्थान बहुत पसंद है। उधर कॉमर्शियल डील होती हैं।
‘कम समय है, थोड़ा जल्दी करते हैं’
तुम भी तो कॉमर्शियल डील पर आई हो। इस बात को टालते हुए मैंने कहा- अरुणाभ आप बड़े भाई हैं। मेरी तबियत थोड़ी ठीक नहीं है। क्या करना है बताइए, हम करके घर जाएंगे। तभी उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और कहा, ‘मैडम थोड़ा रोल प्ले करें।’ मैं हैरान थी। तब से यह रोजाना होने लगा। मेरे साथ बार-बार छेड़छाड़ हुई। एक दिन ओला की टीम से हमारी मीटिंग हो रही थी। अचानक अरुणाभ मीटिंग से उठकर अंदर चला गया। उसने मुझे आवाज दी। मैं अंदर गई तो उसने कहा- ‘कम समय है, थोड़ा जल्दी में करते हैं।’ मैं आवाक उसे देखती रही।
पुलिस मेरी जेब में है: अरुणाभ
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