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कर्मचारियों के अभाव में चिकित्सा सेवाएं बदहाल

Medical services in bad condition due to lack of staff - Jalore News in Hindi

भीनमाल। जिले के चिकित्सालयों में चिकित्सकीय कार्मिकों की कमी के चलते चिकित्सा सेवाएं बदहाल हो रही हैं। जिले में 8 हजार 877 की आबादी पर औसतन एक चिकित्सक का पद स्वीकृत है जो पद स्वीकृत है वह भी सारे उपलब्ध नहीं। लिहाजा जिले का चिकित्सा सुविधाओं के लिए पूरा भरोसा पड़ोसी राज्य गुजरात पर है। सीमा पार मेहसाना, नडिय़ाद, डीसा आदि से यहां हजारों लोग उपचार के लिए जाते हैं। जिले में चिकित्सकों के अधिकांश पद रिक्त होने से 13 हजार 156 की आबादी पर एक चिकित्सक कार्यरत है। ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहरी अस्पतालों में भी चिकित्सा सेवाएं कार्मिकों की कमी के चलते बदहाल है। हालांकि, राज्य के प्रभावशाली नेताओं वाले जिलों में चिकित्सकों का अनुपात बेहतर है, लेकिन जिले में स्थिति विकट है।
जिसकी पैरवी मजबूत वह जिला आगे
प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां के राजनेता प्रभावशाली हैं। ये राजनेता सरकार पर दबाव बनाकर अपने जिलों में चिकित्सा कार्मिक नियुक्त करा देते हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से पिछड़े जिले चिकित्सा सेवाएं पाने में भी पीछे रह जाते हैं। ऐसे में साफ है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता का अधिकार शायद जालोर समेत उन जिलों की जनता को देना सरकारें पसंद नहीं करती, जहां की राजनीतिक हस्तियों की पहुंच ऊपर तक नहीं है। विधानसभा में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू में बेड और चिकित्सकों की कमी को लेकर चिंता जताई, लेकिन यह स्थिति कैसे सुधरेगी इस पर कुछ नहीं कहा।
यह है जिले में स्थिति
चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने स्वीकार किया कि जिले में चिकित्सकों के 206 पद स्वीकृत हैं। जिसमें 139 ही कार्यरत है। जिले में वरिष्ठ विशेषज्ञ के छह पद स्वीकृत हैं, लेकिन महज एक ही कार्यरत है। वहीं कनिष्ठ विशेषज्ञ के 56 पद स्वीकृत है, लेकिन 29 कार्यरत है। इसी तरह वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) के 20 पद स्वीकृत है, लेकिन 13 ही कार्यरत है । वहीं चिकित्सा अधिकारी के 117 पद स्वीकृत है। जिसमें 91 कार्यरत है तथा 26 पद रिक्त हैं । चिकित्सा अधिकारी (दंत) के 7 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 2 पद रिक्त हैंं। जालोर जिले की आबादी 18 लाख से ऊपर पहुंच गई है, लेकिन यहां चिकित्सकों की संख्या सालों पुरानी ही चल रही है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, वहीं अन्य चिकित्सा अधिकारियों के पद भी रिक्त हंै। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। जिले में विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त हो, तो लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
समान रूप से मिले सुविधा
एडवोकेट ललित भण्डारी ने कहा कि भारतीय संविधान की अनुच्छेद 14 में समानता का अधिकार है। लेकिन सरकार की ओर से सभी जगह चिकित्सा सेवाओं का समान रूप से लोगों को लाभांवित नहीं करना, समानता के अधिकार का उल्लंघन है। सरकार का दायित्व है कि वह सभी जगह समान रूप बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराएं।

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Web Title-Medical services in bad condition due to lack of staff
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