नई दिल्ली। 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व वायु सेना प्रमुख अर्जन सिंह का शनिवार रात निधन हो गया। अर्जन सिंह ने 98 साल की उम्र में सेना अस्पताल (आरएंडआर) में अंतिम सांस ली। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के मार्शल अर्जन सिंह को शनिवार को दिल का दौरा पडऩे की आशंका के बाद सेना अस्पताल (आरएंडआर) में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन, शनिवार रात दिल का दौरा पडऩे के कारण उनका निधन हो गया। इससे पहले उनके स्वास्थ्य की जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और ढ्ढ्रस्न चीफ बी.एस.धनवा उनका हालचाल जानने शनिवार शाम अस्पताल गए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को अविभाजित भारत के फैसलाबाद में एक सैन्य परिवार में हुआ था। फैसलाबाद अब पाकिस्तान का हिस्सा है। पद्म विभूषण सम्मानित मार्शल अर्जन सिंह ने द्वितीय विश्वयुद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा लिया था। अर्जन सिंह (98) को 1 अगस्त 1964 को वायुसेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पहले वायुसेना प्रमुख थे जिन्हें पायलट रहते हुए सीएएस (चीफ ऑफ एयर स्टाफ) नियुक्त किया गया था।
उन्होंने युद्ध के समय भारतीय वायु सेना का सफल नेतृत्व कर अपने प्रयास को दिखाया। 1969 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति पर, उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। उनकी सेवाओं के सम्मान में, भारतीय वायु सेना ने उन्हें जनवरी 2002 में वायु सेना के मार्शल रैंक से सम्मानित किया और उन्हें पहला और एकमात्र 5 स्टार रैंक ऑफिसर बनाया गया।
पीएम, रक्षा मंत्री पहुंचे थे अस्पताल, जाना था अर्जन सिंह का हालचाल
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