नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 16 विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार चुन लिया। मीरा का मुकाबला एनडीए के रामनाथ कोविंद से हैं। मीरा और रामनाथ, दोनों दलित हैं। मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से हैं। मीरा केंद्रीय मंत्री और पहली महिला लोकसभा स्पीकर रही हैं। 1980 के बाद वे राजनीति में आईं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले वे आईएफएस ऑफिसर रहीं। 1985 में जब उन्होंने यूपी के बिजनौर से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो मायावती और रामविलास पासवान जैसे मजबूत दलित नेताओं को हराया था। मीरा कुमार दलित समुदाय से हैं। मीरा कुमार 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुईं।
राजनीतिक सफर पर एक नजर...
राजनीति में उनका प्रवेश अस्सी के दशक में हुआ था। 1985 में वे पहली बार बिजनौर से संसद में चुन कर आई। 1990 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गई। 1996 में वें दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी उन्होंने 1998 में शुरु की। 2004 में बिहार के सासाराम से लोकसभा सीट जीती। 2004 में यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय मंत्रालय में मंत्री बनाया गया। इस बार वे पांचवीं बार संसद के लिए चुनी गई हैं। जीएमएसी बालयोगी के बाद वे दूसरी दलित नेता हैं, जो इस पद तक पहुंची।
भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर
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