नई दिल्ली। कासरगोड (केरल) के मोइनुद्दीन पाराकदावत ने नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) को बताया है कि राज्य में सक्रिय आईएसआईएस मॉड्यूल के सदस्य कई हिंदू नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे। मोइनुद्दीन ने यह भी बताया है कि तथाकथित खलीफा के अनुयायी सनसनी फैलाने के लिए अहमदिया मस्जिद और जमाते-इस्लामी हिंद को भी टारगेट कर रहे थे। अहमदिया नेताओं और जमाते-इस्लामी हिंद ने अतीत में आईएस की हिंसात्मक गतिविधियों की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि आईएसआईएस इस्लाम को इस्लाम के दुश्मनों से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।
मोइनुद्दीन का गिरफ्तार होना केरल से गायब हुए आईएस मॉड्यूल के 22 सदस्यों के साथ की अहम कड़ी है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे जो अफगानिस्तान चले गए थे। एनआईए ने मोइनुद्दीन को 14 फरवरी को गिरफ्तार किया था, जब वह अबू धाबी से निकल रहा था। उसने जांच एजेंसी को आईएस सदस्यों के उन गुप्त ऑनलाइन ग्रुप्स के बारे में भी बताया जहां वे भारत में निशाना बनाए जानी वाली जगहों के बारे में चर्चा किया करते थे।
‘टेलिग्राम’ चैनल पर ‘बाब अल नूर’ नाम का आईएस का एक क्लोज्ड ग्रुप था। मोइनुद्दीन भी इस ग्रुप का मेंबर था। उसने बताया कि किसी ने ग्रुप में पोस्ट किया था कि कोच्चि में जमाते-इस्लामी का एक कार्यक्रम होने वाला था जिसमें हिंदू वक्ता राहुल ईश्वर भी भाषण देने वाले थे। मोइनुद्दीन ने पूछताछ में बताया, ‘एक मेंबर ने कहा कि हमें ऐसे कार्यक्रमों को निशाना बनाना चाहिए। मैंने सलाह दी कि कोच्चि का यहूदी मंदिर भी वहां से पास है, इसलिए उसे भी निशाना बनाया जा सकता है। किसी ने सलाह दी कि हमें हमला करने के लिए बाइक का इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन मैंने लॉरी इस्तेमाल करने को कहा।’
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