टोंक। पांच बत्ती स्थित ‘संत निरंकारी सत्संग भवन टोंक’ में रविवार को आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन महात्मा रामदयाल निरंकारी के सान्निध्य में किया गया। उन्होंने कहा कि सत्संग मोक्ष का द्वार है, सत्संग में आने मात्र से इंसान के जीवन में सकारात्मक सोच आने लगती है। विकारों से दूर कर आदर्श जीवन की ओर इंसान अग्रसर होता है। संसार की भाग-दौड़ के बीच आत्मिक ठहराव सत्संग में आने पर मिलता है, युगों-युगों से सत्संग की महत्ता बताई गई है, फिर भी इन्सान इसके लिए समय नहीं निकाल पाता।
महात्मा रामदयाल निरंकारी ने कहा कि धर्मग्रंथों को पढऩे के साथ इनको समझना भी जरूरी है। किसी भी धर्म का कोई भी ग्रंथ हम पढ़ लें, सभी में प्रभु परमात्मा की भक्ति को ही महत्ता दी गई है। यही इंसानी जीवन का उद्देश्य भी है। इंसानी जीवन के रहते ये परमात्मा की प्राप्ति जरूरी है।
मीडिया सहायक सीताराम निरंकारी ने बताया कि सत्संग का संचालन रविन्द्र कुमार ने किया। सत्संग में मोती पहाडिय़ा, किशनलाल, ककोड़ से विजयपाल, बहन रेणू, सावित्री, सीमा, संगीता आदि कई संतों ने विचार रखे।
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