इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में अखिलेश
सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमे गन्ना किसानों को दी जाने वाली
करोड़ों रुपये के ब्याज की रकम माफ करने का आदेश दिया गया था। चुनावी परिणाम
से पहले सूबे की अखिलेश सरकार के लिए यह बड़ा झटका है। माना यह भी जा रहा है कि
अखिलेश सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों में खासी नाराजगी थी और किसानों ने
अखिलेश विरोधी वोटिंग कर अपना आक्रोश भी व्यक्त किया था। फिलहाल अब हाईकोर्ट के
आदेश के बाद चीनी मिलों की गन्ना किसानों को दी जाने वाली करोड़ों रुपए के ब्याज
की रकम माफ नहीं होगी और किसानों को लाभ मिलेगा। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मई में
कैबिनेट ने किया था फैसला
प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने ब्याज माफ करने के लिए 22 मई 2016 को आदेश पारित किया
था। जिसमे चीनी मील द्वारा गन्ना किसानों को बकाए पर दी जाने वाली करोड़ों रुपये
के ब्याज की रकम माफ कर दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को अवैधानिक माना।
कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट के निर्णय के लेने की प्रक्रिया में खामी है।
क्या किसान
नहीं चुकाते ब्याज ?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले को स्पष्ट करते हुये कहा कि क्या
किसान बैंक का ब्याज नहीं चुकाते ? सरकार को ब्याज माफ करने का अधिकार है,
मगर जब ब्याज माफी का निर्णय लिया जा रहा था तब इस बात पर विचार नहीं किया गया कि
किसान भी बैंकों से कर्ज लेते हैं और उनको भी ब्याज चुकता करना पड़ता है। सरकार ने
किसानों के हित पर विचार किए बिना चीनी मिलों का ब्याज माफ कर दिया। सरकार के इस
फैसले को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।
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