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जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के मन पर छोडी गहरी छाप

लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज सरकार को भगाने के लिए बम और पर्चे फेंके थे। बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने गिरफ्तारी भी दी और उन्हें 116 दिनों की जेल भी हुई थी।

23 मार्च 1931 को भगत सिंह तथा इनके दो साथियों सुखदेव व राजगुरु को फांसी दे दी गई। फांसी से पहले भगत सिंह, लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। फांसी पर जाते समय तीनों क्रांतिकारी गा रहे थे, मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे; मेरा रंग दे बसंती चोला। माय रंग दे बसंती चोला।

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Web Title-Independence Day Special : know important facts about Sardar Bhagat Singh
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