चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। इनमें एम्स की तर्ज पर श्रीमाता मनसा देवी आयुर्वेदिक और योग संस्थान शुरू करने, गैर सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के सेवानिवृत अधिकारियों व कर्मचारियों को मानदेय और गुरुग्रांम व फरीदाबाद में 500-500 यातायातकर्मियों के पदों की स्वीकृति मुख्य है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग हमारी प्राचीन परम्परा है। आज न केवल हमारे देश के लोग बल्कि दुनियाभर के लोग इस पद्धति की ओर अग्रसर हो रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री ने तो भारतीय योग विद्या को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय के केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् ने श्रीमाता मनसा देवी परिसर, पंचकूला में अखिल भारतीय आयुर्वेदा, योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है और यह संस्थान एम्स की तर्ज पर बनेगा। इस संस्थान की स्थापना के लिए आज ही हरियाणा सरकार ने भूमि का स्वामित्व ले लिया है। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
मुख्यमंत्री ने विधायक आदर्श ग्राम योजना के संबंध में बताया कि हरियाणा में भी सांसद आदर्श ग्राम योजना के साथ-साथ विधायक आदर्श ग्राम योजना और स्वप्रेरित आदर्श ग्राम योजना शुरू की गई है। उन्होंने विधायक आदर्श ग्राम योजना में दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ाने की घोषणा की, जिसके तहत पांच हजार से कम आबादी वाले गांव को 50 लाख रुपए, दस हजार तक की आबादी वाले गांव को एक करोड़ रुपए तथा दस हजार से अधिक की आबादी वाले गांव को दो करोड़ रुपए प्रतिवर्ष विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना से एक विधायक तीन गांवों को आदर्श गांव बना सकता है। मुख्यमंत्री ने गैर-सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक महाविद्यालयों से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को तोहफा देते हुए घोषणा की कि सरकार ने 1 जनवरी 1988 से 10 मई 1998 की अवधि के दौरान गैर-सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों से सेवानिवृत हुए प्राचार्यों, प्राध्यापकों एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों को मासिक मानदेय देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्राचार्य को 30 हजार रुपए प्रतिमाह, प्राध्यापक को 25 हजार रुपए प्रतिमाह, तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को 11 हजार रुपए प्रतिमाह और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को 6 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने गुरुग्राम और फरीदाबाद में यातायात को सुचारू व सुगम बनाने के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में यातायात जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए इन दोनों शहरों में यातायात प्रबन्धन के लिए 500-500 यातायात कर्मियों के पद स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जहां हरियाणा की कार्पोरेट कैपिटल के रूप में विकसित कर रहा है वहीं फरीदाबाद औद्योगिक रूप से विकसित हो रहा है। पिछली सरकार के दौरान इन दोनों शहरों में यातायात को सुचारू बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी का नतीजा है कि इन शहरों में जाम की समस्या पैदा हो जाती है। सरकार ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इन दोनों शहरों में यातायात पुलिस की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है।
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