• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

भारत में पेटीएम का ई-कॉमर्स सपना चकनाचूर

How Paytm killed its e-commerce dream in India - India News in Hindi

नई दिल्ली। महज दो साल पहले ही पेटीएम के संस्थापक व सीईओ विजय शेखर शर्मा ने भारत में पैर पसार रहे ई-कॉमर्स के क्षेत्र में अपनी पारी की शुरुआत की थी।

वह चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मॉडल से प्रेरित थे, हालांकि इस क्षेत्र में अमेजन और फ्लिपकार्ट (अब वालमार्ट के स्वामित्व में) का पहले से ही दबदबा बना हुआ था।

शर्मा के मन में इस बात का थोड़ा मलाल जरूर रहा कि उनको हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने ई-कॉमर्स कारोबार को पेटीएम मॉल के नाम से एक अलग अस्तित्व प्रदान किया।

वह इस बात से आश्वस्त थे कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वालों की बढ़ती आबादी का उनको फायदा मिलेगा। नई कंपनी की शुरुआत मूल कंपनी पेटीएम-वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की ही हिस्सेदारी से हुई और कंपनी ने सैफ पार्टनर्स व जैक मा की कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड से 20 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई।

पेटीएम मॉल ने अलीबाबा, सॉफ्टबैंक और सैफ पार्टनर्स से 65 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई।

ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन बाजार की पुरोधा कंपनी अलीबाबा को जल्द ही मालूम हो गया कि ग्राहकों को लुभाने के लिए कैशबैक एक अल्पकालीन रणनीति है और इससे शर्मा को पेटीएम मॉल को भारत के उभरते ई-कॉमर्स बाजार में तीसरी बड़ी ताकत बनने में मदद नहीं मिलने वाली है। भारत का ई-कॉमर्स बाजार जो 2017 में 24 अरब डॉलर का था वह 2021 में 84 अरब डॉलर का बनने वाला है।

वित्त वर्ष 2018 में पेटीएम मॉल का घाटा बढ़ गया और कंपनी को करीब 1,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

फोरेस्टर रिसर्च के अनुसार, पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी 2018 में पिछले साल से घटकर करीब आधी रह गई। मतलब 2017 में जहां कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 5.6 फीसदी थी वह 2018 में घटकर तीन फीसदी रह गई।

हालांकि शर्मा फिर भी आशावादी हैं और भारी स्पर्धा के बावजूद पेटीएम मॉल चलाना चाहते हैं जबकि विश्लेषक इसे आखिरी दौर में देख रहे हैं और उनका मानना है कि शर्मा को अब डिजिटल भुगतान बाजार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिस पर अलीबाबा का हमेशा जोर रहा है।

इस संबंध में पेटीएम से संपर्क करने की कई बार कोशिश की गई। ईमेल और फोन के अलावा वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के नोएडा सेक्टर-5 स्थित दफ्तर का व्यक्तिगत तौर पर दौरा करने के बाद भी कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।

साइबर मीडिया रिसर्च के प्रमुख व सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थॉमस जॉर्ज के अनुसार, पेटीएम के सामने इस समय कई चुनौतियां हैं।

जॉर्ज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, ‘‘बाजार हिस्सेदारी के मामले में ई-कॉमर्स क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों के मुकाबले पेटीएम काफी पीछे है। इस क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों की हिस्सेदारी जहां 30 फीसदी से ऊपर है वहां पेटीएम की हिस्सेदारी एकल अंक में है। साथ ही, बाजार की अग्रणी कंपनियों के सेवा मानक भी काफी प्रशंसनीय हैं।’’

वहीं, पेटीएम वस्तुओं का स्टॉक करने व डिलीवरी करने में निवेश नहीं कर रही है।

जॉर्ज ने कहा, ‘‘पेटीएम मॉल का मुख्य काम पेमेंट वालेट कस्टमर बेस है, जिसमें अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो रही है।’’

पेटीएम पेमेंट बैंक का नजरिया भी जांच के घेरे में है।

(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-How Paytm killed its e-commerce dream in India
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: paytm, e-commerce, dream, india, पेटीएम, विजय शेखर शर्मा, vijay shekhar sharma, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved