कानपुर। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम व उत्तर
भारत के मैनचेस्टर के नाम से कानपुर को देश व विदेश में जाना जाता है। लेकिन शायद
ही कुछ लोग जानते हो कि 214 वर्ष पूर्व आज ही के दिन लार्ड
वेलजली के समय जनपद के रूप में अस्तित्व में आया था।
कान्हापुर से कानपुर बनने में कितना समय लगा इसका रिकार्ड तो ढूढना
मुश्किल लग रहा है पर कानपुर जनपद के रूप में पहली बार अंग्रेजों के समय अस्तित्व
में आया। इतिहासकार डा. सर्वेश ने बताया कि लार्ड वेलेजली 1798 में भारत गवर्नर जनरल बनकर आये। वेलेजली ने प्रशासनिक कार्यों में बहुत सुधार
किया और 1801 में कानपुर में जिलाधिकारी की नियुक्ति कर दी।
लेकिन अधिकारिक रूप से 24 मार्च 1803 को
जनपद की घोषणा की गई। जिससे यही तिथि कानपुर जनपद की जन्म तिथि मानी जाती है। उस
समय अंग्रेजों केवल प्रशासनिक ढांचा बनाने के लिए कानपुर को जनपद के रूप में लाये।
लेकिन इसकी पहचान उस समय बनी जब 1857 के प्रथम स्वतंत्रता
संग्राम में कानपुर ने अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिया था।
पांचवा सबसे बड़ा शहर
इतिहासकार बताते हैं कि जब कानपुर जनपद के रूप में अस्तित्व में
आया तब भारत के प्रमुख पांच शहरों में शुमार था। यहां की आबादी व क्षेत्रफल बाकी
अन्य चार शहरों के लिहाज से एक कदम ही पीछे था।
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम ने बनाया मैनचेस्टर
इतिहासकार डा. मनोज पाण्डेय ने बताया कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भारत की हार जरूर हुई पर कानपुर के
विद्रोह से अंग्रेज घबराये हुए थे। जिसके चलते उन्होंने यहां के लोगों को खुश करने
के लिए रोजगार देने का रास्ता तलाशा। इसी का परिणाम रहा कि 1860 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बनी। 1862 में एल्गिन मिल की
स्थापना हुई, 1876 में ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन यहां
दर्जनों उद्यम स्थापित करने आई। यह क्रम आगे भी चलता रहा और एथर्टन और कूपर एलन
आदि मिलों की स्थापना की गई। जिससे कानपुर इंग्लैण्ड के औद्योगिक शहर मैनचेस्टर के
नाम से जाना जाने लगा।
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनी: RJD 26 ,कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
Daily Horoscope