नई दिल्ली। सरकार 500 रूपये और इससे छोटे मूल्य के नोटों की छपाई और
आपूर्ति पर ज्यादा जोर दे रही है ताकि लोग बडी राशि वाले नोटों को दबाकर न
रख सकें। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल
500 रूपये या इससे छोटे नोटों को बाजार में ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने पर
जोर दिया जा रहा है ताकि लोगों के पास छोटे नोट अधिक हों।
उन्होंने कहा कि ऎसी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि 2000 रूपये के नोटों
को फिर से दबाकर रखा जा सकता है जो नहीं होना चाहिए। नोटबंदी के फौरन बाद
2000 रूपये मूल्य का नोट लाने के सरकार के कदम का जिक्र करते हुए उन्होंने
कहा कि इसके पीछे शुरूआती मकसद नई मुद्रा को जल्द से जल्द बाजार में लाना
सुनिश्चित करना था।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गत शुक्रवार को कहा था कि सरकार के सामने 2,000
रूपये के नोट को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जेटली ने लोकसभा में
एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व
बैंक (आरबीआई) की तिजोरी में 10 दिसम्बर तक पुराने 500 और 1000 रूपये के
बंद किए गए 12.44 लाख करोड नोट वापस लौटे।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope