कैथल। गौ संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश की बड़ी जेलों में गौशाला स्थापित करने का फैसला लिया है। प्रथम चरण में छह गौशालाओं के लिए योजना तैयार की गई है। जिनमें से तीन का चयन कर लिया गया है। करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद की जेलों में पहले गौशाला बनाई जाएंगी। तीन अन्य जेलों का चयन अगले 15 दिन में होना है। साथ ही इन जेलों में बायोगैस प्लांट और गाय के दूध, मूत्र और गोबर से उत्पाद बनाए जाएंगे। जिन्हें सरकार खुद मार्केट में बिक्री के लिए भेजेगी। हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला यहां गऊ चिकित्सालय का शिलान्यास करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो गौ अभयारण्य बनाए जाएंगे। इनमें से एक पानीपत के गांव नैन में 20 एकड़ में और दूसरा हिसार में करीब 50 एकड़ में बनाया जाएगा। हिसार में इसकी आधारशिला रखी जा चुकी है। इस भूमि को मत्स्य पालन विभाग से ट्रांसफर कराया गया है। मंगला ने कहा कि सरकार हर गांव में गौ गृह बनाने जा रही है। बरसाना में एक शख्स 43 हजार गायों को अपनी गोशाला में पाल रहे हैं। इसी तर्ज पर मेवात के हथीन में 100 एकड़ में एक गौशाला का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 15 हजार गौवंश रखने की क्षमता होगी। उन्होंने कहा कि जेलों में गाय के दूध से दही, घी और लस्सी तैयार किया जाएगा। मूत्र व गोबर से फिनाइल, शैंपू, साबुन, आंखों की दवाई और अन्य दवाईयां बनाई जाएंगी। सरकार की योजना है कि गोमूत्र से बनाए गए फिनाइल को सरकारी भवनों में इस्तेमाल के लिए अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये कंसेप्ट मध्यप्रदेश की जेलों से आया है। जहां बाजार के मुकाबले सस्ती दरों पर सामान उपलब्ध है। साथ ही कैदियों को भी रोजगार मिल रहा है।
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