नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को कर्मचारी भविष्य निधि कोष
पर 2016—17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इससे
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के चार करोड से अधिक अंशधारकों को
फायदा होगा।
वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को भेजी सूचना में हालांकि यह शर्त लगाई
है कि इस ब्याज दर से सेवानिवृत्ति कोष को घाटा नहीं होना चाहिए। ईपीएफओ के
केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी
है। अब श्रम मंत्रालय कर्मचारियों को 8.65 प्रतिशत ब्याज प्रदान कर सकता
है। ईपीएफओ के अनुमान बीते वित्त वर्ष के लिए यह ब्याज देने के बाद उसके
पास अधिशेष बचेगा।
वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय को 8.65 प्रतिशत से कम ब्याज देने के लिए कह
रहा था।
ईपीएफओ के न्यासियों ने दिसंबर में इसकी मंजूरी दी थी। एक सूत्र ने
कहा कि वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से अपनी सिफारिशों में कहा है कि
उसे ब्याज दर का फैसला करना है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित होना चाहिए
कि कोष को किसी तरह का नुकसान न हो।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय लगातार कह रहे थे कि ईपीएफओ के अंशधारकों को
2016—17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केद्रीय
न्यासी बोर्ड ने 8.65 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। हमारा मंत्रालय
इस बारे में वित्त मंत्रालय से विचार विमर्श करता रहता है। 8.65 प्रतिशत
का ब्याज देने के बाद हमारे पास 158 करोड रूपये का अधिशेष बचेगा।
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