नई दिल्ली। ऐसे समय में जब उत्पादन जरुरत से ज्यादा है, बिजली वितरण कंपनियों द्वारा ‘अकारण’ लोड शेडिंग का हवाला देकर बिजली कटौती करने पर अगले साल से जुर्माना लगेगा और सरकार इस संबंध में कानून बनाएगी। बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने गुरुवार को यह बात कही। राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ एक बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के दंड का प्रावधान करना सरकार द्वारा सभी को निर्बाध रूप से बिजली मुहैया कराने की कार्ययोजना का हिस्सा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, ‘‘हम 2019 के बाद इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाएंगे कि यदि बिना तकनीकी खराबी या किसी प्राकृतिक गड़बड़ी के बिजली कंपनियां अकारण लोड शेडिंग करती है, तो उसे दंडित किया जाए।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एकमात्र लाइसेंस धारक के रूप में डिस्कॉम की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह बिजली की निर्बाध आपूर्ति करे, जिसे अब बिजली अधिनियम, 2003 में संशोधन कर बाध्यकारी बनाया जाएगा और बिना किसी बाजिब कारण के बिजली में कटौती करने पर जुर्माना लगेगा।
--आईएएनएस
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