नूंह। जिले की फिरोजपुर झिरका सीट पर पार्टी का जनाधार बढे़ न बढे़, लेकिन मूछों की लड़ाई से लेकर टिकट की लड़ाई विधानसभा चुनाव से कई साल पहले से दिखने लगी है।
इनेलो , भाजपा इत्यादि पार्टी के वोटबैंक में सुराख़ हो न हो, लेकिन कांग्रेस के दो नेता एक दूसरे के वोटबैंक में सेंध लगाने से नहीं चूक रहे हैं। दस साल की राजनीति पर नजर डाली जाये , तो इन दो नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से कांग्रेस गर्त में जरूर जाती दिख रही है।
गत दो विधानसभा चुनाव में इनेलो के नसीम अहमद ने फूट में लूट मचाकर सीट हथिया ली। बेचारे अभी से मूछों में ताव दे रहे, ये दोनों कांग्रेसी एक दूसरे से उलझकर ही रह गए। इस बार दोनों की लड़ाई हैट्रिक लगाने जा रही है। यानी तीसरा विधानसभा चुनाव आने वाला है, लेकिन मूछों की लड़ाई कम होने का नाम नहीं ले रही। दोनों नेताओं के पास अपने-अपने राजनीतिक आका हैं। जो मूछों की लड़ाई से लेकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने -अपने चहेते नेताओं को खुलकर मदद करते रहे हैं। एकजुटता का पाठ या तो किसी बड़े कांग्रेस नेता इन नेताओं को सिखाया नहीं है या फिर ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी से भी बड़े हैं। जिन पर मूछों की लड़ाई के चक्कर में कांग्रेस की नैया डुबाने का भूत सवार है। ये कांग्रेस नेता हैं पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहमद और मामन खान इंजीनियर।
आपको बता दें कि पिछला कांग्रेस टिकट पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहमद को फिरोजपुर झिरका विधानसभा से मिला। मामन खान उनके मुकाबले निर्दलीय मैदान में कूद गए। मामन खान और आजाद मोहमद दोनों हार गए,लेकिन मामन खान ज्यादा वोट ले गए। इनेलो के नसीम अहमद ने जीत दर्ज की। उससे पहले मामन खान को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया और पूर्व मंत्री आजाद मोहमद देखते रह गए। आजाद मोहमद ने पार्टी से बगावत तो नहीं की ,लेकिन अंदर ही अंदर कांग्रेस उम्मीदवार मामन खान की जड़ों में तेजाब डालने में कोई कमी नहीं छोड़ी। पिछले करीब दस साल से दोनों नेताओं के बीच खुले मंच पर बड़े नेताओं की मौजूदगी में कुर्सी तक भी चल चुकी हैं।
दिलचस्प मामला यह है कि मामन खान ने पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहमद के पैतृक गांव नीमखेड़ा के सरपंच शाकिर को अपने साथ न केवल जोड़ने में सफलता प्राप्त की बल्कि इसी माह नीमखेड़ा गांव में मामन खान इंजीनियर ने पूरी ताकत लगाकर सम्मान समारोह रखवाया। गाजे - बाजे के साथ लाखों रुपये इस कार्यक्रम पर खर्च किये गए। अब बारी पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहमद की थी। शनिवार को आजाद मोहमद ने मामन खान इंजीनियर को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए उनके पैतृक गांव भादस में सम्मान समारोह रखवाया। भारी भीड़ जुटाई गई। सैकड़ों वाहनों में हजारों लोग ऐसे निकले मानो राहुल गांधी या फिर सोनिया गांधी की कोई विशाल जनसभा हो रही हो। गाजे -बाजे का भी पूरा इंतजाम था। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के पैतृक गांव के वोटबैंक में सेंध लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इन दोनों कांग्रेस नेताओं में अभी से वर्चस्व की लड़ाई पूरे चरम पर है।
खास बात तो यह है कि प्रदेश सचिव मोहमदी बेगम के अलावा पूर्व मंत्री आफ़ताब अहमद के चचेरे भाई अमन अहमद के अलावा कई अन्य नेता भी फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस पार्टी का टिकट मांग रहे हैं। भले ही चुनाव में अभी करीब दो साल से अधिक समय शेष हो , लेकिन कांग्रेस नेताओं ने तो अभी से आपस में ही आरपार की जंग छेड़ दी है। वैसे तो पूरे सूबे में कांग्रेस की गुटबाजी और फूट कोई नई नहीं है ,लेकिन मेवात में तो बात हद से उपर जाती दिखाई दे रही है। इनेलो विधायक नसीम अहमद को तो बैठे बिठाये इन दो नेताओं की आपसी लड़ाई से मजबूती मिल रही है।
आपको बता दें कि पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहमद को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है तो मामन खान इंजीनियर को वरिष्ठ कांग्रेस नेता माखन लाल फोतेदार का करीबी माना जाता है। जीत-हार और टिकट की लड़ाई तो अभी बहुत लंबी है ,लेकिन यह बात समझ से परे है कि अपने खुद की नींद हराम करने के अलावा कांग्रेस नेता हजारों समर्थकों की नींद क्यों हराम कर रहे हैं।
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