श्रीगंगानगर। टीबी दिवस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को इस बीमारी से सावधान एवं बचाव रखने के लिए प्रेरित किया। विभाग की ओर से पोस्टर प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, कठपुतली नृत्य, नुक्कड़ नाटक व रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इससे पहले जिला मुख्यालय सहित सभी खण्डस्तर पर जागरुकता रैली निकाली गई। जिला मुख्यालय पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि टीबी एक सामाजिक बीमारी है, जिसे मिलकर समाप्त करना होगा। क्योंकि इस बीमारी के कारण कई लोगों के साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जाता है, जो उचित नहीं है। उन्होंने संकल्प दिलाया कि एक जुट हो जाएं, आओ मिलकर टीबी रोग दूर भगाएं। टीबी दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में चिकित्सा अधिकारियों सहित कर्मचारियों ने रक्तदान किया।
इस दौरान विभाग की ओर से सुबह जागरुकता रैली निकाली गई। रैली मुख्य मार्गों से होती हुई टीबी केंद्र पहुंची। यहां आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में कठपुतली व नुक्कड़ नाटक के जरिए आमजन को टीबी के प्रति जागरूक किया गया। डॉ. गुंजन खुंगर ने बताया कि वर्तमान में भारत में विभिन्न बीमारियों से होने वाली मौतों में एक मुख्य कारण टीबी भी है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष प्रति लाख जनसंख्या पर 167 नए रोगी सामने आते हैं। वहीं भारत में छह हजार लोग प्रतिदिन टीबी से ग्रसित होते हैं एवं छह सौ रोगी प्रतिदिन टीबी की बीमारी से मरते हैं। यही वजह है कि टीबी की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आमजन को भी भागीदारी दिखानी होगी तभी देश टीबी मुक्त होगा।
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