नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और तत्कालीन निदेशक केसी समारिया को आपराधिक षडय़ंत्र रचने का दोषी करार दिया है। अदालत ने इस मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गोयल को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने कोल फर्म केएसएसपीएल और उनके प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को रुद्रपुर कोल ब्लॉक आवंटन मामले में भी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का दोषी माना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दें कि वर्ष 2012 में कैग ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में साल 2004 से 2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन को गलत बताते हुए इसमें 1.86 लाख करोड़ का घोटाला होने की बात कही थी। कैग का कहना था कि सरकार ने बिना नीलामी के कई फम्र्स को कोयला ब्लॉक आवंटित किया था। इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी आरोप लगाए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने करीब एक दर्जन कंपनियों का नाम लिया जिन पर अपनी नेटवर्थ बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, पिछले कोयला ब्लॉक आवंटन को छिपाने और कोयला ब्लॉक की होर्डिंग करने जैसे आरोप लगाए गए थे। इस आवंटन की गड़बड़ी में पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, भाजपा के राज्यसभा सांसद अजय सांचेती, कांग्रेस नेता विजय दरड़ा और राजेंद्र दरड़ा, राजद नेता और पूर्व कॉरपोरेट मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और कांग्रेस सांसद तथा जिंदल स्टील एंड पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल का नाम सामने आया था।
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