थानागद्दी, जौनपुर। घरों में बच्चों की एक नई खेप इन दिनों स्कूल जाने के लिए अपने नन्हें हाथों में स्कूल बैग और पानी का बोतल लेकर तैयार हो रही है। कुछ पहली बार तो को कुछ पिछली कक्षा पास कर अगले महीने से नए सत्र में दाखिला लेकर फिर स्कूल जाने लगेंगे, लेकिन सवाल फिर वहीं उठता है कि स्कूल जाएंगे कैसे? खटारा बसों से या अनफिट प्राइवेट मैजिक से, या मानकों की सीमा लांघ रहे ऑटो-टेम्पो से? परिवाहन विभाग के दावों की मानें तो वह लगातार इस पर बिना दिशा और दशा के काम कर रहा है लेकिन स्कूली वाहनों और स्कूल स्वामियों की मनोदशा तक पर इसका कोई प्रभावी असर नही हो रहा है।बीते वक़्त के पन्नों को पलट कर देखे तो पिछले साल 25 जुलाई को भदोही में रेलवे क्रासिंग पर स्कूली वाहन की ट्रेन से टक्कर में 8 बच्चों की मौत ने आम नागरिकों के साथ परिवहन विभाग को भी झकझोर कर रख दिया था। वजह थी ड्राइवर द्वारा कान में ईयर फ़ोन लगाना था। लेकिन दिन बीतने के साथ मामला ठन्डे बस्ते में चला गया। इसका दुष्परिणाम एटा में इस साल 19 जनवरी को हुई स्कूल बस व् ट्रक की भीषण दुर्घटना के तौर पर सामने आया। इस घटना में 13 बच्चों की मौत हो गई। वजह बस तो नई पर ड्राइवर अनुभवहीन था।क्षेत्र के स्कूलों में मोटो फीस लेकर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले स्कूल संचालको पर प्रशासन, पुलिस, शिक्षा विभाग और आरटीओ मेहरबान है। क्षेत्र में बेधड़क स्कूली बसें, मैजिक ऑटो, वैन आदि बिना सुरक्षा उपकरणों के दौड़ रही है। जुगाड़ के चलते ये जानलेवा खेल अनवरत चल रहा है। कुछ वाहन तो ऐसे हैं जिनके पास ना तो आरसी है, न बीमा, न फिटनेश। इन वाहनों को कभी चेक भी नही किया जाता।ऐसे ही तहसील क्षेत्र के चार दर्जन से ज्यादा स्कूलों में लगे वाहनों की दशा है। इन स्कूलों में लगे वाहनों में बच्चों को ठूंस-ठूंस भरकर सड़क पर फर्राटे भरते हैं। जिनमे अधिकांश वाहनों के कागज़ भी नही पुरे हैं। इसके बावजूद भी इस वाहनों पर परिवहन विभाग मेहरबान है। इन वाहनों को चलाने वाले ड्राइवर भी प्रशिक्षित नही हैं। गाड़ियों पर न तो कोई आपातकालीन नंबर है और न ही स्कूल का नाम व् स्थानीय पुलिस थाने का नंबर है। ऐसी दशा में यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को ढेर सारे नियम बताकर पैसे लूटते हैं। इस बीच बच्चे की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होती है, लेकिन इस बीच कोई दुर्घटना होती है तो स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से दूर भागने की कोशिश में लगे रहते हैं।
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