चंडीगढ़। नशे,
भ्रष्टाचार और माफिया के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मुख्यमंत्री
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अफसरशाही की जिम्मेवारी तय कर दी है। उन्हाेंने
प्रदेश भर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ तेजी
से निर्णायक कार्रवाई करने और तीन दिनों के भीतर नोटिस जारी करचार्जशीट
दायर करने के लिए कहा है।
कैप्टन ने यहां पुलिस और
प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने जिला पुलिस
प्रमुखों और जिला उपायुक्तों को आदेश दिए कि बड़े नशा तस्करों, गैंगस्टरों
और अन्य अपराधियों को तुरंत काबू किया जाए। उन्होंने वीआइपी सिक्योरिटी व
गैरजरूरी ड्यूटी निभा रहे पुलिस कर्मचारियों को वापस बुलाने के निर्देश भी
दिए। कैप्टन ने कहा कि इस कार्यों में पुलिसकर्मियाें को लगाए जाने की
समीक्षा हो और ज्यादा पुलिस कर्मचारियों को आम लोगों की सुरक्षा में लगाया
जाए।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार, गैरकानूनी खनन, गैरकानूनी आवाजाही,
झूठी एफआईआर दर्ज करने, जायज एफआइआर दर्ज न करने, यातायात नियमों के
उल्लंघन, गुंडागर्दी तथा शराब के नाजायज व्यापार के मामलों में जिलों के
उच्चाधिकारियों की सीधी जिम्मेदार तय की। साथ ही निर्देश दिए कि चार हफ्ते
में नशा तस्करों, गैरकानूनी खनन करने वालों के खिलाफ छापामारी सहित जरूरी
कार्रवाई को अंजाम दें।
कैप्टन ने कहा कि नशे की सप्लाई व बिक्री
रोकने के लिए पुलिस की सीधी जवाबदेही होगी। ड्रग्स मामलों को निपटने वाले
कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की निजी तौर पर
उन्हें जानकारी है और यह किसी भी सूरत में माफी के योग्य नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी कोई शिकायत मिली तो संबंधित के
खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बैठक में मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार,
मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एनएस कलसी, अतिरिक्त
मुख्य सचिव वित्त सतीश चंद्रा, डीजीपी सुरेश अरोड़ा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
विनी महाजन भी मौजूद रहे
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