जानकारी के मुताबिक, मुख्य खादिम आसिफ अली निजामी और उनके कतीजे नजीम
अली निजामी लाहौर की दाता दरगाह पर गए थे और वहां से लौटने के लिए कराची
की फ्लाइट में बैठना था। आसिफ निजामी को लाहौर एयरपोर्ट पर अधूरे दस्तावेज
होने का कारण बताकर रोक लिया गया। इसके बाद खादिम लाहौर, तो निजामी कराची
एयरपोर्ट से लापता हो गए। भारत सरकार ने यह मामला इस्लामाबाद में मौजूद
भारतीय राजदूत के जरिए पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया।
भारतीय विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज उनकी रिहाई के लिए नवाज शरीफ के विदेश मामलों के
सलाहकार सरताज अजीज से बात की थी। इसके बाद दोनों भारतीय सूफी मौलानाओं का
पता रविवार को चला। दोनों कराची में पाए गए। लगातार भारतीय दबाव के कारण
उनको रिहा किया गया। बताया जा रहा है कि दोनों मौलवी अपने रिश्तेदारों से
मिलने कराची गए थे।
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