अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ ही लोक सेवा आयोग में हड़कंप शुरू हो गया
है। अखिलेश सरकार में हुई 24 भर्तियों के साक्षात्कार पर
योगी सरकार ने रोक लगा दी है। सूबे के मुख्य सचिव के आदेश पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा
आयोग ने सभी भर्तियों के साक्षात्कार निरस्त कर दिये हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद
यह कदम बहुत बड़ा इसलिये माना जा रहा है क्योंकि आयोग की कार्यप्रणाली पर लगातार
सवाल उठते रहे हैं। आयोग की हर भर्ती को प्रतियोगी छात्रों ने कोर्ट तक घसीटा और
कई मामले में आयोग व सरकार की किरकिरी हुई। ऐसे में सरकार बदलने का प्रभाव नजर आने
के लिये योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया और पांच मई तक हुई आयोग में कुल 24 भर्तियों के साक्षात्कार पर रोक लगा दी।
3996 पदों के लिए साक्षात्कार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पांच मई तक 24 भर्तियां संपन्न कराई हैं। इनमे पास हुए प्रतियोगियों का अब साक्षात्कार होना है। कुल 3996 पदों
के लिए साक्षात्कार होगा। जिसमे सहायक अभियोजन अधिकारी और एलोपैथी चिकित्साधिकारी
पदों के लिये साक्षात्कार शुरू भी हो चुका है। लेकिन अब शासन के अगले निर्देश तक
साक्षात्कार निरस्त कर दिया गया है। नई सरकार कुछ पारदर्शी व्यवस्था के बाद
साक्षात्कार की नई तिथि घोषित करेगी।
फोन घनघनाया और साक्षात्कार ठप्प
यूपी में भाजपा की योगी सरकार आने के बाद से ही ताबड़तोड़ आदेश व
अनुपालन जारी है। इसी क्रम में मुख्य सचिव ने आयोग के सचिव को फोन करके सभी
साक्षात्कार स्थगित करने को कहा । हालांकि चल रहे साक्षात्कार को तत्काल तो नहीं
रोका गया। लेकिन आज से आयोग में साक्षात्कार पर रोक लगा दी गई है ।
नियम कानून भी अड़चन
लोक सेवा आयोग के साक्षात्कार रोकने के लिये कोई लिखित आदेश
नहीं आया है । माना जा रहा है कि सरकार को आयोग की भर्तियों में सीधे हस्तक्षेप कर
नियमों को लेकर किसी कानूनी विवाद को जन्म नहीं देना चाहती है। इसी वजह से मुख्य
सचिव ने लिखित आदेश नहीं भेजा। हालांकि मौखिक सलाह पर ही साक्षात्कार प्रक्रिया
स्थगित कर दी गई है।
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