कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मुहर्रम के बाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन कराए जाने के ममता सरकार के आदेश पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। हाइकोर्ट ने ममता सरकार ने पूछा है कि दो समुदाय एक साथ पर्व क्यों नही मना सकते। हाईकोर्ट ने कहा कि जब ममता सरकार इस बात का दावा कर रही हैं कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव है तो फिर 2 समुदायों के बीच सांप्रदायिक विभेद पैदा करने की कोशिश क्यों की जा रही है। अधिवक्ता अमरजीत रायचौधरी की ओर से कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई और पूछा, दो समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते? दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर पहले कभी ऐसे हालात नहीं बने। कोर्ट ने आगे कहा, उन्हें सद्भाव के साथ रहने दें। उनके बीच कोई लकीर न खींचें। उन्हें साथ-साथ रहने दें।
इस साल दशहरा के अगले दिन ही मुहर्रम है। दशहरा के अगले दिन दुर्गा प्रतिमा भी विसर्जित की जाती है।
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