दार्जिलिंग। ममता सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद दार्जिलिंग मामला शांत होने को नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार के साथ सभी संबंध खत्म करने के प्रयास के तहत गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने मंगलवार को उत्तरी पहाड़ी इलाके के विकास बोर्ड के विरोध स्वरूप गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन समझौते के दस्तावेजों को आग लगा दी। जीटीए कार्यकर्ता चौक बाजार पर इकट्ठा हुए और जीटीए समझौता दस्तावेजों को खुलेआम जलाया। उन्होंने और अधिक रैलियों का ऐलान किया और घाटी में जीटीए के किसी भी ताजा चुनाव में हिस्सा लेने को लेकर अन्य पार्टियों को चेतावनी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीजेएम के इस विरोध प्रदर्शन में दार्जिलिंग के भारी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे के साथ ही जीजेएम पार्टी का झंडा ले रखा था और अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखालैंड के समर्थन में नारे लगाए। जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग ने 23 जून को इस रैली की घोषणा की थी। चौक बाजार पर मौजूद जीजेएम के नेतृत्व ने कहा कि दार्जिलिंग, कलिमपोंग तथा दोआर के 45 अन्य हिस्सों में इस तरह का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीटीए के दस्तावेजों को जलाना पहाड़ी इलाके में विकास बोर्ड को खत्म करने का आधिकारिक प्रतीक है।
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope