सुल्तानपुर। बुधवार का दिन लम्भुआ कोतवाली के हाजीगंज गांव में बने ग्वार्मेन्ट
सेकेण्डरी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए काला दिन बनकर आया। हुआ ये के स्कूल
से छुट्टी के समय एका एक बारिश होने लगी, तभी कैम्पस के हैंडपम्प पर पानी
पीने गए 4 बच्चे आकाशीय बिजली का शिकार हो गए। इनमें दो छात्राओं की मौत हो
गई जबकि छात्र समेत दो झुलस उठे। झुलसे छात्रों का इलाज सीएचसी में चल रहा
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जानकारी
के अनुसार बुधवार दोपहर क़रीब 12 बजे के आसपास मौसम ने रुख बदला, आसमान पर
काले बदल छाए और तेज़ बारिश शुरु हो गई। इस बीच स्कूलों में छुट्टी का समय
था, लम्भुआ के उच्च माध्यमिक विद्यालय हाजीगंज में भी बच्चों की छुट्टी हो
चुकी थी। तभी प्यारेपुर गांव के उधरपुर पुरवा की निवासी खुशनुमा 13 पुत्री
स्व. इसहाक, प्रतिभा 14 पुत्री लालचंद, शन्नो 13 पुत्री इस्माईल और आरिफ
14 पुत्र वाजिद (सभी कक्षा 8 के स्टूडेंट हैं) एक साथ स्कूल कैम्पस में लगे
हैंडपम्प पर पानी पीने के लिए पहुंच गए। इस बीच तेज़ गरज के साथ आसमान से
बिजली गिरी और बच्चों को अपना निशाना बना लिया।
चारों
बच्चे बुरी तरह झुलस गए, जिसमें खुशनुमा 13 ने मौके पर दमतोड़ दिया। स्कूल
के टीचरों ने 108 डायल कर एम्बुलेंस बुलाया और भीगते हुए आनन-फानन में
घायल तीनों छात्रों को सीएचसी पहुंचाया। यहां डाक्टरों ने इन छात्रों का
इलाज शुरु किया था तभी प्रतिभा 14 एका एक गम्भीर अवस्था में पहुंची और फिर
उसकी भी मौत हो गई। जबकि शन्नो और आरिफ का इलाज सीएचसी में जारी है।
उधर
4 स्टूडेंट्स के एक साथ झुलसने की ख़बर जंगल में आग की तरह फैली। थोड़ी ही
देर में एसडीएम लम्भुआ सलिल पटेल और बीएसए कौस्तुभ कुमार सीएचसी पहुंचे,
घायल स्टूडेंट्स का हाल जाना और परिजनों को धैर्य दिलाया। वहीं घटना की
ख़बर पाकर पहुंची पुलिस ने दोनों छात्राओं के शव को कब्जे में लेकर
पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
वहीं
एसडीएम लम्भुआ सलिल कुमार ने मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और फिर
पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर उन्हें धीरज दिलाया। एसडीएम ने शासन स्तर से
मिलने वाली मदद का भरोसा भी दिलाया है। घटना में गौर करने वाली बात ये है
कि जहां स्कूल के टीचरों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए छात्रों को सीएचसी
पहुंचाया वहीं स्कूल के प्रिंसिपल राजेश त्रिपाठी मौके से ऐसा फरार हुए कि
उन्होंने सीएचसी तक पहुंचना मुनासिब नहीं समझा।
आपको
बता दें कि यूं तो इस घटना के बाद सभी छात्रों के परिजन चिंतित हैं, उन पर
दुःख की घड़ी है, लेकिन मृतका खुशनुमा के परिवार पर तो दुख के बादल फट पड़े
है। दरअसल खुशनुमा के पिता इसहाक डेढ़ वर्ष पहले कैंसर रोग से
ग्रस्त होकर मौत के गाल में समा गए थे। इसहाक के 6 बेटियाँ थी जिसमें
खुशनुमा 5 वें नम्बर पर थी। पति की मौत और बेटियों के भार से इसहाक की
पत्नी कुछ दिन पहले ही डिप्रेशन का शिकार हो चली है।
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