सुल्तानपुर। देश की 71 वीं आज़ादी के ठीक दूसरे दिन से देश भर के डाक कर्मियों की
हड़ताल ने मंगलवार को यहां 7 वें दिन उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शन कर रहे
कर्मी इतना उग्र हुए कि उन्होंने शरीर से आधे कपड़े उतार कर प्रदर्शन को
तेज़ किया और कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो ये लड़ाई महीनों जारी
रहेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको
बता दें कि अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक यूनियन के केंद्रीय नेतृत्व के
आह्वान पर 16 अगस्त से चल रहे अनिश्चित कालीन हड़ताल के क्रम में
डाकर्किमयों ने मंगलवार को 7वें दिन भी अपनी आवाज बुलंद रखा, सरकार को
चेतावनी दी कि अगर हम लोगों की मांगें तत्काल नहीं मानी गई तो ये लड़ाई
महीने और दो महीने भी चल सकती है।
सनद
रहे कि डाक कर्मी की मांग है कि केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग
का लाभ मिल गया है, वहीं ग्रामीण डाक सेवक अब तक इससे वंचित हैं। सरकार के
ध्यान न देने से डाक सेवक किसी तरह जीवन व्यतीत करने को विवश हैं। इसके
अलावा डाक कर्मियों ने कमलेश चंद्रा कमेटी की रिपोर्ट को बिना कटौती के
लागू करने के साथ-साथ पेंशन व अन्य सुविधा बहाल करने की मांग किया है।
गौरतलब
रहे कि हड़ताल के कारण जहां आवश्यक कार्य प्रभावित रहे,डाक कर्मियों का
कहना है कि हम डाक कर्मी गरीब जनता के सेवक हैं, गरीब जनता के दर्द को
समझते हैं। लेकिन देश की सरकार नहीं समझ रही। वहीं ग्रामीण डाक सेवकों ने
केंद्र सरकार की उपेक्षात्मक नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वित्त
मंत्री के खिलाफ भी डाक कर्मियों का आक्रोश जमकर फूटा।
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