पीलीभीत। स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में राष्ट्रगान और उसकी वीडियोग्राफी
किये जाने के यूपी सरकार के आदेश पर सीधे सीधे पानी फेरते हुए शहर काजी ने
विरोध शुरू कर दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस
प्रकरण पर यहाँ के शहर काज़ी और मदरसा संचालक जरताब रजा खाँ ने कहा कि वे
स्वतंत्रता दिवस पर मदरसा दारुल उलूम हशमर्तुरज़ा में राष्ट्रगान का आयोजन
नहीं करेंगे। उनका कहना है कि मदरसे में इस्लाम की दीनी तालीम दी जाती है। यहाँ गाना गाया जाना, वीडियो बनाया जाना इस्लाम के खिलाफ है। उनसे पूछा गया
धार्मिक नातें तो मदरसे में गाई जाती है। तो उनका जबाव था उन्हें गाया
नहीं पढ़ा जाता है। म्यूज़िक इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल मदरसे में नहीं हो
सकता। उनसे कहा गया कि नाते सुर और लय में पढ़ी जाती है। राष्ट्रगान भी
वैसे पढ़ा जा सकता है बिना म्यूज़िक इंट्रूमेंट के, तो उन्होंने कहा कि
राष्ट्रगान के कुछ शब्दों पर इस्लाम में आपत्ति है। हालांकि वे यह नहीं बता
सके वो कौन से शब्द है। उन्होंने बताया कि वे बरेली शरीफ के फत्बे को मान
रहे है। मदरसे में स्वतंत्रता दिवस का जश्न वे मनाएंगे पर अपने तरीके से।
उन्होंने उल्टे यूपी सरकार से सवाल किया कि इस तरीके से मुसलमानों से वतन
परस्ती का सबूत क्यों मांगा जा रहा है। हम अपने मदरसे के छात्रों को
वतन परस्ती का जाम जमकर पिलाते है।
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