मेरठ। नगर निगम भले ही स्वच्छ भारत मिशन को लेकर काम कर रहा है, लेकिन नगर निगम में काम करने वाले सफाई कर्मचारी ही धरने पर बैठे हैं। वजह साफ है आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम करने वाले 2215 सफाई कर्मचारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग पर मोर्चा खोल दिया है। उनकी मानें तो सरकार ने पहले संविदा पर उन्हें रखा था, बाद में उन्हें बाहर करते हुए आउटसोर्सिंग के माध्यम से शहर की सफाई कराना शुरू कर दिया। लेकिन कंपनी उन्हें 7000 के आसपास वेतन देती है। इससे उनका घर नहीं चल पा रहा है। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने सभी कर्मचारियों की नियमित भर्ती की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम और प्रशासन ने कर्मचारियों की मांग को हरी झंडी नहीं दी तो वे हड़ताल से लेकर आत्मदाह तक करने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में नगर निगम आयुक्त ने साफ कर दिया कि जल्द ही आउटसोर्सिंग कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला है। ऐसे में री ट्रेडर की प्रक्रिया के माध्यम से ही दुबारा कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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