लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए 1000 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के लिए जनपदवार पदों का निर्धारण कर दिया है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता के अनुसार प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा (पीएमएचएस) संवर्ग में एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति साक्षात्कार (वॉक इन इंटरव्यू) के माध्यम से अनुबंध के आधार पर की जाएगी। यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव आलोक कुमार ने दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्हांेने बताया, "श्रेणी 'बी' के जनपदों में एक तथा 'सी' एवं 'डी' श्रेणी के जनपदों में दो एमबीबीएस इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) प्रत्येक जिला चिकित्सालय (पुरुष/महिला) में तैनात किया जाएगा। श्रेणी 'सी' एवं 'डी' के अंतर्गत आने वाले जनपदों में विशेषज्ञों की नियुक्ति जिला चिकित्सालयों में की जाएगी, जबकि श्रेणी 'ए' एवं 'बी' जनपदों में विशेषज्ञों की नियुक्ति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में होगी।
सचिव ने बताया कि एमबीबीएस/विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष होगी। मेरिट तैयार करते समय अभ्यर्थियों के कार्य अनुभव को भी प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तैनाती के लिए इच्छुक जनपद (जिला चिकित्सालय या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) के विकल्प को ध्यान में रखते हुए यथा संभव तैनाती अनुबंध के आधार पर की जाएगी।
आलोक ने बताया, "प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में 'बी' एवं अंत: रोगी विभाग में रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जबकि उसके सापेक्ष चिकित्सकों व विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या घटती जा रही है। चिकित्सकों/विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते जन सामान्य को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही थी। इसको दृष्टिगत रखते हुए पीएमएचएस संवर्ग के संवर्गीय रिक्त पदों के सापेक्ष पहले 1000 पदों पर एमबीबीएस व विशेष डिग्रीधारी अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा।"
सचिव ने बताया, "इन चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव द्वारा नामित अन्य दो प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे। अनुबंधित चिकित्सकों को कोई प्रशासकीय पद नहीं दिया जाएगा। इन चिकित्सकों को परामर्शी कहा जाएगा। एमबीबीएस चिकित्सकों को दिए जाने वाले मानदेय चिकित्सा इकाईयों की श्रेणी के आधार पर किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "श्रेणी 'ए' जनपदों एमबीबीएस चिकित्सकों का मासिक मानदेय 50 हजार रुपये तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों का मासिक मानदेय 80 हजार रुपये होगा। इसी प्रकार 'बी' श्रेणी के जनपदों में एमबीबीएस व विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए क्रमश: 55 हजार रुपये तथा 90 हजार रुपये मासिक मानदेय तय किए गए हैं। श्रेणी 'सी' वाले जनपदों में एमबीबीएस व विशेषज्ञ चिकित्सकों को 60 हजार व एक लाख रुपये दिए जायेंगे, जबकि श्रेणी 'डी' जनपदों में तैनाती पाने वाले एमबीबीएस और विशेषज्ञ चिकित्सकों को 65 हजार रुपये व एक लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे।"
-आईएएनएस
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