लखनऊ। मुजफ्फरनगर और शामली सांप्रदायिक दंगे मामले के आरोपियों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी राहत दी है। योगी सरकार ने सांप्रदायिक दंगे से जुड़े 131 मामले वापस लेने शुरू कर दिए हैं। आपको बता दें कि इस सांप्रदायिक दंगे में 63 लोगों की मौत हो गई थी और 50 हजार से भी ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे। 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए व्यापक दंगों में पांच सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे। दंगे में बीजेपी के विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा भी आरोपी हैं। इन 131 मामलों में से 13 हत्या और 11 हत्या की कोशिश के हैं। इसके अलावा जिन मामलों को वापस लिया जा रहा है, उनमें से कई भारतीय दंड संहिता के मुताबिक जघन्य अपराधों से जुड़े हैं। यह दंगा सितंबर 2013 में हुआ था, तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उस समय करीब 63 लोग दंगों के दौरान मारे गए थे और 50 हजार से भी ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे। दंगों के बाद 1455 लोगों के खिलाफ 503 केस दर्ज हुए थे। भाजपा सांसद संजीव बालियान और विधायक उमेश मलिक के नेतृत्व में खाप पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने पांच फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें 179 केस की लिस्ट सौंपकर वापस कराने की मांग की थी। जिसके बाद से हरकत में आई सरकार ने मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की है। संजीव बालियान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सूची सौंपी थी, जिसमें सभी हिंदू थे।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को बताया था कि दंगों के बाद 402 आगजनी के फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए थे, जिनमें सौ से ज्यादा निर्दोष महिलाएं भी नामजद हैं। सांसद संजीव बालियान ने बताया कि सीएम से मिलने वालों में बालियान, अहलावत और गठवाला खाप के लोग शामिल थे। बालियान ने दावा किया कि दंगों के बाद वहां के लोगों ने घरों में रजाई में आग लगाकर यह दिखा दिया गया कि उनके घर में आगजनी हो गई है। उन्होंने बताया कि इसके एवज में पिछली सरकार ने उन्हें पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा भी दे दिया। आगजनी की घटनाएं सिर्फ मुआवजा हासिल करने के लिए की गई थीं। इनमें 856 से ज्यादा लोग नामजद हैं।
पुलिस ने दबिश मारने के बाद अपनी तरफ से नौ मुकदमे दर्ज कर 250 लोगों को नामजद किया। ये सारे मुकदमे भी फर्जी हैं। आपको बता दें कि 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के कानून विभाग ने विशेष सचिव राजेश सिंह के हवाले से मुजफ्फरनगर और शामली के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 131 मुकदमों के संबंध में 13 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। डीएम से केस हटाने को लेकर संस्तुति मांगी गई थी। सूत्रों के मुताबिक शासन से आए पत्र को डीएम ने जिले के एसपी के पास भेजकर डिटेल्स देने को कहा।
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