लखनऊ। केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कौशल विकास का जाल बिछाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहली बार कौशल विकास मंत्रालय को अलग किया गया है। इस मंत्रालय को मात्र ढाई वर्ष हुए हैं। केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रुडी शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में एनेक्सी में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। रुडी ने कहा, "अगले पांच वर्षो में रोजगार का जाल बिछा देंगे। उप्र में 2,300 आईटीआई है। इसकी गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "उप्र में अगले तीन से पांच वर्षो में सभी जिलों में आईटीआई खोले जाएंगे। शिक्षा केंद्र को राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीबीटी) की मान्यता दी जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश में आईटीआई की गुणवत्ता सुनिश्चित कराएगी। इसके लिए मानक तय हो गए हैं। निजी क्षेत्र में खुले तमाम आईटीआई की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। उनकी भी जांच कराई जाएगी और उनको मानक तथा गुणवत्ता के अनुरूप तैयार करने में प्रदेश सरकार मदद करेगी।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कौशल विकास के लिए उप्र को 150 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। आने वाले दिनों में हम इसका बजट 200 करोड़ रुपये करेंगे। ओला और ऊबर से चालकों को रोजगार मिला है। आगे भी हम हैवी मोटर चालकों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगे। नए फ्लेक्सी सिस्टम के माध्यम से आईटी सेंटर खोलेंगे।"
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। इस मौके पर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री चेतन चैहान भी मौजूद थे।
-आईएएनएस
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