लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से
सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन रद्द होने के बाद से नाराज उत्तर प्रदेश
के शिक्षामित्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। उप्र सरकार ने
शिक्षामित्रों को एक अगस्त से 10 हजार रुपये का मानदेय दिए जाने और टीईटी
परीक्षा में अधिकतम 25 अंक का वेटेज दिए जाने की घोषणा की है। इसके बावजूद
शिक्षामित्रों ने साफ कर दिया है कि जब तक 'समान कार्य, समान वेतन' की
उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वे आंदोलन पर रहेंगे।
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शिक्षामित्रों ने बुधवार दोपहर बाद लखनऊ में गिरफ्तारी देने का ऐलान किया
है। इस बीच सरकार ने शिक्षामित्रों के इस रुख पर सख्ती बरतते हुए 200 से
ज्यादा बसों को प्रदर्शन स्थल के पास तैनात कर दिया है। गिरफ्तारी होने के
बाद शिक्षामित्रों को इन्हीं बसों से उनके जिलों तक रवाना कर दिया जाएगा।
शिक्षामित्रों
के प्रदर्शन पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि शिक्षामित्रों के साथ
सरकार की पूरी सहानुभूति है। सरकार लगातार बातचीत की कोशिश में है।
केशव
मौर्य ने कहा कि शिक्षामित्रों को समझना चाहिए कि यह निर्णय सरकार का नहीं
है। शिक्षामित्रों की तकलीफ हम समझ रहे हैं और उसके निवारण में जुटे हैं।
उधर
प्रदर्शन स्थल लक्ष्मण मेला ग्राउंड में 20 एंबुलेंस भी लगाई गई है। मैदान
में हजारों शिक्षामित्रों का जमावड़ा है। एहतियातन भारी संख्या में पुलिस
बल तैनात किया गया है।
शिक्षामित्रों की योजना जेल भरो आंदोलन के तहत लक्ष्मण मेला मैदान से हजरतगंज कोतवाली कूच करने और वहां गिरफ्तारी देने की है।
शिक्षामित्रों का आंदोलन 21 अगस्त से लगातार जारी है।
आईएएनएस
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