लखनऊ। रेप केस में जेल में बंद सपा नेता और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज को सस्पेंड कर दिया गया है। स्पेशल जज (पाक्सो एक्ट) के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जांच 30 अप्रैल तक पूरी होनी है।
गौैरतलब है कि हाल ही में पोस्को कोर्ट के जज ओमप्रकाश मिश्र ने रेप केस में गायत्री प्रजापति को जमानत दे दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने पोस्को कोर्ट के इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने चुनौती दी थी। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोंसले ने पाक्सो कोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज मिश्र को सस्पेंड करते हुए प्रजापति को जमानत देने के ऑर्डर को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिए है।
साथ ही उन्होनें इस मामले में जज ओमप्रकाश मिश्र की मंशा पर संदेह भी जताया है। पाक्सो कोर्ट के जज ओमप्रकाश मिश्र जिन्होनें प्रजापति की जमानत याचिका मंजूर की, वह इसी माह की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं। चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में लिखा है कि जिस तरह से जानकार जज ने अपराध की गंभीरता को अनदेखा करते हुए आरोपी को जमानत देने में जल्दबाजी दिखाई, उससे हमें इन न्यायाधीश की मंशा पर संदेह है जो खुद 30 अप्रैल 2017 को रिटायर हो रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि जस्टिस ओमप्रकाश मिश्र ने प्रजापति को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि प्रजापति मामले में पीडित महिला ने 2014 से 2016 के दौरान बलात्कार की शिकायत नहीं की, इससे पीडि़त महिला के दावे पर संदेह होता है।
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