लखनऊ। लखनऊ
के बाद कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी मेट्रो के जल्द कार्य शुरू होने की
उम्मीद थी। कानपुर में मेट्रो डिपो के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई, जबकि
गोरखपुर में मेट्रो रूट भी निर्धारित हो चुका है। लेकिन मेट्रो रेल विधेयक
2017 लागू होने तक मेट्रो रेल का कोई नया प्रस्ताव मंजूर नहीं होगा। लखनऊ
मेट्रो में तैनात वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दरअसल केंद्र सरकार के पास
मेट्रो रेल शुरू करने के प्रस्तावों पर मंजूरी के आवेदनों की भरमार सी आ गई
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इतना ही नहीं कुछ छोटे शहरों से भी प्रस्ताव आने लगे हैं। ऐसे में
मेट्रो परिचालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही नीति बनाने की सहमति बनाने
पर निर्णय लिया गया है। शहर के ट्रैफिक प्लान, आबादी और सार्वजनिक परिवहन
के साधनों की मौजूदा स्थिति के मानकों को प्रस्तावित कानून में शामिल किया
गया है। इन मानकों पर खरे उतरने वाले प्रस्तावों को ही मंत्रालय से मंजूरी
दी जाएगी। साथ ही नई मेट्रो पॉलिसी ये भी सुनिश्चित करेगी कि पब्लिक
प्राइवेट पाटनर्शिप भी अधिक हो। मेट्रो की स्वीकृति शहरी विकास मंत्रालय के
पास है और इसे चालाने की मंजूरी का दायित्व रेलवे मंत्रालय के पास। इसके
चलते एनओसी प्राप्त करने में भी काफी समय खराब होता है। इस संबंध में भी
पॉलिसी बनाने में विचार किया जाएगा।
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