लखनऊ।
मीडिया में मामले को तूल पकड़ता देख सीएम योगी ने प्रेस कांफ्रेंस की।सीएम ने
कहा कि मैंने खुद 2 बार बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया।हमारे लिए इंसेफेलाइटिस
से निपटना चुनौती है।मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि इस मामले में सही तथ्य
पेश किया जाए। हर जगह जगह अलग आंकड़े आ रहे हैं।सही तथ्य को रखकर मानवता
की सेवा की जा सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीएम योगी ने कहा कि 10 अगस्त को NICU में 14, एक्यूट इंसेफेलाइटिस से 3 और नॉन एक्यूट इंसेफेलाइटिस से 6 मृत्यु हुई हैं।
11 अगस्त को 11 बजे तक NICU में 3, AES से 2 और नॉन AES से 2 मृत्यु हुई है।
सीएम ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले पर बेहद चिंतित है उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर भेजा है।भारत सरकार के स्वास्थ्य
सचिव भी गोरखपुर पहुंचे हैं। सीएम ने कहा कि गोरखपुर कांड बेहद संवदेनशील है।
मैनें दो मंत्रियों को निरीक्षण के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा है ताकि सही तथ्य सामने
आ सकें। सप्लायर की भूमिका की जांच चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में जांच की
जा रही है।सीएम ने कहा कि अगर इस मामले में कोई दोषी पाया गया है उसके खिलाफ
कार्रवाई होगी।ऑक्सीजन की कमी से मौत एक जघन्य अपराध है।
सीएम योगी ने आगे कहा
कि इंसेफेलाइटिस से पूर्वी यूपी के कई जिले प्रभावित है। हर जिले में इंसेफेलाइटिस
और डेंगू के उपचार की व्यवस्था कराई है।जब मैं गोरखपुर दौरे पर था,बीआरडी मेडिकल
कॉलेज में बैठक की तब ऑक्सीजन के संबध में मुझे अवगत नहीं कराया गया,जिसके लिए दोषियों
पर कार्रवाई होगी। सीएम ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पूर्वी यूपी के साथ साथ बिहार और
नेपाल के मरीज भी आते हैं।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने माना है कि ऑक्सीजन की कमी थी लेकिन मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है।
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