लखनऊ। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में अमानवीयता का एक ऐसा मामला सामने आया है कि भगवान का रूप माने जाने वाले डॉक्टरों ने इंसान की पीड़ा को और बढ़ा दिया। झांसी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों द्वारा एक मरीज के कटे पैर को उसका तकिया बनाने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) से रिपोर्ट तलब की है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रमुख सचिव ने एक दिन में ही रिपोर्ट मांगी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जानकारी के अनुसार झांसी के मऊरानीपुर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह ट्रैक्टर को बचाने के प्रयास में स्कूल बस पलट गई थी। हादसे में आधा दर्जन स्कूली बच्चे और बस का क्लीनर घनश्याम (25) घायल हो गए थे। घटना में लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम का बायां पैर कट गया। उसे गंभीर हालत में झांसी मेडिकल कॉलेज लाया गया था। यहां डॉक्टरों ने घनश्याम को स्ट्रेचर पर लिटाए रखा। आरोप है कि काफी देर बाद उसका उपचार शुरू किया। उधर, डॉक्टरों ने तकिया उपलब्ध कराने के बजाय घनश्याम के कटे हुए पैर को ही उसके सिर के लगाकर तकिया बना दिया।
सीनियर रेजिडेंट सहित चार सस्पेंड
सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खबर चलते ही अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया और घटना के जांच के आदेश दिए। इसके बाद सीएम योगी ने रविवार को प्रमुख सचिव से रिपोर्ट तलब की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना में घायल घनश्याम को 2 लाख रुपए की चिकित्सकीय सहायता देने का ऐलान भी किया।
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