लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के शनिवार को दो माह पूरे होने पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने सूबे की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए कहा कि पहले दो माह में सब कुछ ठीक करने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी अब इसके लिए एक वर्ष का समय मांग रहे हैं। यही नहीं बिगड़े हालातों के लिए विपक्ष पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने एक बयान में कहा, "उत्तर प्रदेश की आधी आबादी-दलितों, महिलाओं अल्पसंख्यकों और व्यापारियों का बड़ा भाग आज युद्ध जैसे हालातों का सामना कर रहा है। जो कल तक हाथ जोड़ कर वोट की गुहार लगा रहे थे, वे ही आज हथियार लेकर उन पर हमले कर रहे हैं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "सत्ता में आते ही योगी सरकार ने मीटबंदी का जो तुगलकी फरमान जारी किया, उससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए। फिर योगी सरकार ने खनन पर रोक लगा दी। इसका नतीजा यह निकला कि बालू, बजरी और गिट्टी-मिट्टी के अभाव में उत्तर प्रदेश का समूचा निर्माण उद्योग ठप होकर रह गया और इस कार्य में लगे लगभग एक करोड़ मजदूर, ठेकेदार और व्यापारी बेरोजगार हो गए।"
भाकपा नेता ने एंटी रोमियो अभियान पर कहा कि योगी सरकार ने एंटी रोमियो अभियान चलाकर युवाओं को निशाना बनाया और पुलिस-प्रशासन के अलावा बजरंग दल ने युवक-युवतियों की पिटाई की। युवाओं में एक अजीब सा भय व्याप्त है।
उन्होंने कहा, "सहारनपुर, शामली, संभल और मेरठ में आजकल जो कुछ घट रहा है वह बेहद गंभीर है। इससे दलितों अल्पसंख्यकों का सरकार से विश्वास उठ गया है। दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। राजधानी लखनऊ तक में ऐसी दर्जन भर घटनाएं हो चुकी हैं।
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 11 बजे तक 22.51% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope