प्रत्यक्ष चुनाव से रहे दूर ये भी पढ़ें - यहां डॉक्टर नहीं, भूत-प्रेत करते है इलाज
रामनाथ कोविंद का जन्म 1945 में कानपुर देहात तत्कालीन कानपुर जनपद के डेरापुर के परौख में हुआ था। कोविंद दलित समुदाय की कोरी जाति से आते हैं और शिक्षा के चलते वर्तमान कानपुर आ गए थे। यहीं से वह आरएसएस से जुड़ गए और सदैव दलित समुदाय की भलाई के लिए काम करते रहे। उनके करीबी अनिल कुमार दुबे ने बताया कि पार्टी के फैसले के चलते घाटमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और हारने के बाद सदैव के लिए प्रत्यक्ष चुनाव से दूर हो गए। 1994 से 2006 तक लगातार दो बार राज्य सभा सांसद रहे। इसके बाद केन्द्र में 2014 में भाजपा की सरकार आते ही पार्टी ने एक बार फिर उनमें विश्वास जताया और बिहार का राज्यपाल बना दिया।
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