कानपुर। भारत और अमेरिका इंडो-यूएस अनुसंधान परियोजना के तहत स्मार्ट ग्रिड एवं एनर्जी स्टोरेज पर संयुक्त रूप से काम करेगा। जिसकी अगुवाई कानपुर आईआईटी करेगा। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी संस्थानों, जनपयोगी सेवाओं और उद्यमों के पैन-इंडिया संघ पर भी एक साथ काम करेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईआईटी कानपुर के निदेशक इन्द्रनील मन्ना ने बताया कि वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सटी के नेतृत्व में यूएस के संघ ने एक प्रस्ताव लाया है। जिसे यूआई-एएसएसआईएसटी (यूएस-इंडिया कोलाबेरेटिव फॉर स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम विद् स्टोरेज) नाम दिया गया है। बताया कि भारत सरकार एवं यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरकि की इंडो-यूएस ज्वाइंट क्लीन एनर्जी रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर के विस्तार के लिए सहमती हो गई है। इसके तहत ’स्मार्ट ग्रिड एवं एनर्जी स्टोरेज’ के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को न केवल बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बजिली आपूर्ति तंत्र की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। भारत में इसका प्रबंध इंडो-यूएस साइंस एवं टेक्नोलॉजी फोरम द्वारा किया जाएगा, जबकि यूएस में उर्जा विभाग द्वारा इसका प्रबंध किया जाएगा। ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और यूएस का ऊर्जा विभाग अपनी-अपनी ओर से लगभग 7.5 यूएस मीलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ रु.) की धनराशि उपलब्ध कराएंगे। भारत और यूएस के प्रत्येक कंसोर्सिया द्वारा 7.5 यूएस मीलियन डॉलर की पूर्ति की जाएगी, जिससे संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजना के लिए कुल 30 यूएस मीलियन डॉलर हो जाएगी। इस परियोजना के तहत वितरित ऊर्जा संसाधनों सहित परस्पर संबंद्ध माइक्रोग्रिड के शीघ्र प्रचालन के लिए विश्लेषण, तकनीकी उपकरण और भंडारण का भी विकास किया जाएगा।
ग्रामीण व शहरी उपभोक्ता होंगे शामिल
निदेशक ने बताया कि तकनीकी समाधान के अलावा यूआई-एएसएसआईएसटी की टीम सामाजिक स्वीकृति, स्मार्ट मीटर के अनुकलानात्मक समाधान के प्रभावों तथा महत्व, अक्षय उर्जा, भंडारण एवं माइक्रोग्रिड साल्यूशन, नीति निर्धारण के लिए भी काम करेगी। इस संयुक्त कार्यक्रम में ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी एवं शहरी आवासीय, व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े उपभोक्ता को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षमता निर्माण करना और श्रमिकों को प्रशिक्षण देना भी है जिससे भविष्य में स्मार्ट वितरण प्रणाली के लिए योग्य एवं क्षमतावान पावर इंजीनियर पैदा हो सकें। इसमें भारत की तरफ से नेतृत्व प्रो. आईआईटी कानपुर से सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, सह-नेतृत्व प्रो. शांतनु मिश्रा करेंगे। वहीं, यूएस की तरफ से वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सटी प्रो. नोएल स्कल्ज़, पुलमैन यूएस की तरफ से सह-नेतृत्व डॉ. अनुराग श्रीवास्तव करेंगे।
यह संस्थान होंगे शामिल
निदेशक ने बताया कि यूएस के संगठन में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सटी पुलमैन, मैसाच्यूट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कैम्ब्रिज, टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सटी टेक्सास, हवाई नेच्युरल एनर्जी इंस्टीट्यूट, होनोलूलू, स्नाहमीश काउन्टी पब्लिक यूटीलिटी डिस्ट्रिक्ट एवरैट, अविस्ता यूटिलिटी स्पोकेन, बर्न एंड मैकडोनल कैनसास सिटी ईटीएपी, ऑपरेशन टेक्नालॉजी इरविन, नेशनल रूरल इलेक्ट्रीक कोआपरेटिव एसोसिएशन अर्लिंगटन, जीई ग्रिड साल्यूशन, क्लीन एनर्जी स्टोरेज टेमेकुला एबीबी सुगरलैंड, फिलिडेल्फिया नेवी यार्ड फिलिडेल्फिया, इडाओ नेशनल लेबोरेटरी इडाओ, लॉरेन्स बर्कले नेशनल लैब बर्कले को शामिल किया गया है। तो वहीं भारत की तरफ से संस्थानों में आईईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास, आईआईटी रूड़की, आईआईटी भुवनेश्वर को शामिल किया गया है। इसके अलावा ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान नई दिल्ली, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि.मि. लखनऊ, एनटीपीसी एनर्जी टेक्नोलॉजी रिसर्च एलाइन्स ग्रेटर नोएडा, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया गुड़गांव, कस्टोमाइज्ड एनर्जी साल्यूशन पुणे, जीई ग्लोबल रिसर्च बेंगलूरू, सिनर्जी सिस्टम्स एंड साल्युशन गुड़गांव, माइंडटैक, बेंगलूरू, पेनाशॉनिक इंडिया प्रा.लिमि. गुड़गांव शामिल किया गया है।
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