हिमांशु तिवारी, कानपुर।
काकादेव इलाके में बुधवार रात एक हॉस्टल में लगी भीषण आग के बाद में एडीजी
ने गुरुवार को दोपहर हॉस्टल का मौका मुआयना किया। उन्होंने साफ कहा कि दो
लोगों की मौत व डेढ़ दर्जन लोगों के घायलों का दोषी हॉस्टल मालिक है। फिलहाल
मकान को सील कर दिया गया है और जांच कर कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
काकादेव
थाना क्षेत्र के तुलसी नगर में फाइबर ऑप्टिकल का काम करने वाले धर्मेन्द्र
सिंह के हॉस्टल में देर रात शार्ट सर्किट से आग लग गई। इस हादसे में
किरायेदार पति-पत्नी मनीष और रिया की मौत हो गई और मकान मालिक तथा 14
प्रतियोगी परीक्षा के छात्र अस्पताल में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं।
गुरुवार
दोपहर एडीजी जोन अवनीश चन्द्र, आईजी रेंज आलोक सिंह, डीआईजी / एसएसपी सोनिया
सिंह, एसपी पश्चिम डा. गौरव बंसवाल, सीओ रजनीश वर्मा ने घटना स्थल का
निरीक्षण किया। एडीजी ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या जांच से पता चल रहा है कि
मकान मालिक दोषी है। मकान में करीब दो दर्जन से अधिक छात्र रह रहे थे और
यहां पर आग से काबू पाने के लिए कोई यंत्र नहीं थे। फिलहाल मकान को सील करा
दिया गया है और केडीए, अग्निशमन अधिकारियों से जांच कराकर आगे की कार्रवाई
की जाएगी।
पड़ोस में रहने वाले
रिटायर्ड बैंक कर्मी एसएन लाल ने बताया कि मकान के निचले हिस्से में पहले
आग लगी जिससे अंदर के छात्रों को बाहर भागने का मौका नहीं मिला। यह देख
सीढ़ी लगाकर छात्रों को अपनी बिल्डिंग में उतारा। बताया कि करीब 10 छात्रों
को अपने बिल्डिंग से उतारकर उनको घर पहुंचा दिया।
मकान
मालिक का भाई के.के. सिंह जो फतेहपुर जनपद के बिंदकी के कवाई गांव का
प्रधान है, उसने अधिकारियों को बताया कि यहां पर कोई छात्र किरायेदार नहीं
रहता था। जो रहते थे वह घर परिवार या रिश्तेदारों के लड़के थे।
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