हिमांशु तिवारी, कानपुर। ई-रिक्शा ने
शहर में यातायात व्यवस्था को तो चौपट किया ही है, तो वहीं बिजली विभाग को
भी करोड़ों का चूना लगा रहे है। हजारों में चलने वाले ई-रिक्शा बिजली विभाग
में एक भी कामर्शियल कनेक्शन धारक नहीं हैं। जिससे बिजली विभाग यह मानकर
चल रहा है कि यह सब कटिया डालकर ई-रिक्शा को चार्ज करते हैं। यहीं नहीं दो
ई-रिक्शा चालकों की कटिया डालने के दौरान मौत भी हो चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शहर में
करीब 12 हजार ई-रिक्शा सड़कों पर फर्राटा भर रहें है। जिनमें करीब छह हजार
पुराने मॉडल के हैं। जो चार्ज होने में नये मॉडल की अपेक्षा कई गुना बिजली
की खपत करते हैं। यानि पुराने मॉडल का एक ई-रिक्शा दिनभर में करीब 20 यूनिट
से अधिक बिजली खर्च करता है। जिससे इनकी आधी कमाई बिजली के बिल जमा करने
में जा सकती है। ऐसे में यह ई-रिक्शा चालक कटिया का ही सहारा लेते हैं और
महीनें में करोड़ों का बिजली विभाग को चूना लगा रहें है। जबकि व्यापारिक
गतिविधि होने के कारण इसके लिए कमर्शियल कनेक्शन लिया जाना चाहिए लेकिन शहर
में ई-रिक्शा चलाने वालों में से किसी ने अभी तक केस्को में इसके लिए
आवेदन तक नहीं किया है। इस बात को बिजली विभाग भी स्वीकार करता है।
केस्कों
के जनसंपर्क अधिकारी राजबाला ने बताया कि विभाग को जानकारी मिल रही है कि
ई-रिक्शा वाले कटिया डालकर बिजली की चोरी कर रहे हैं। कुछ घरेलू कनेक्शन पर
चार्ज करते हैं। लेकिन दोनों ही स्थिति में बिजली चोरी हो रही है। एक
अनुमान के मुताबिक करीब ढ़ाई करोड़ की बिजली चोरी ये ई-रिक्शा वाले एक माह
में कर रहें है। विभाग में अब तक किसी ई-रिक्शा वालें ने कामर्शियल कनेक्शन
लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। इनके खिलाफ जल्द ही अभियान चलाकर वसूली
की जाएगी।
दिन भर सड़कों पर अराजकता फैलाने वाले ई-रिक्शा चालक रात में
दूसरों की बिजली पर कब्जा करते हैं। जिस बिजली की रोशनी घर में चमकनी चाहिए
या सड़कें रोशन होनी चाहिए, उनसे ये ई-रिक्शा चार्ज हो रहे हैं। ज्यादातर
ई-रिक्शा चलाने वाले दिन में दो बार इसे चार्ज करते हैं। शहर के बाहरी
हिस्सों में बसी कॉलोनियों में ये मार्गप्रकाश के लिए लगे स्विच से कटिया
लगाकर चार्ज करते हैं।
वीनस ई रिक्शा के प्रोपराइटर मनीष गुप्ता ने
बताया कि शहर में लगभग 12 हजार ई-रिक्शा चल रहें है। जिनमें करीब छह हजार
पुराने मॉडल के हैं। 2,818 ई-रिक्शा आरटीओ में पंजीकृत हैं। नये मॉडल के
ई-रिक्शा एक बार चार्ज होने में दो से तीन यूनिट बिजली की खपत करते हैं,
जबकि पुराने मॉडल के 10 से 12 यूनिट। एक बार चार्ज होने में 60 से 70
किलोमीटर ही चल पाते हैं। सभी ई-रिक्शा चालक 24 घंटे में दो बार तो चार्ज
ही करते हैं। बैटरी निर्माता व विक्रेता वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि ई
रिक्शा की बैटरी 80 एम्पियर की होती है। वहीं घरेलू बैटरी 160 एम्पियर की
होती है। पर घर में लगी बैटरी इनवर्टर से चार्ज होती है वहीं ई-रिक्शा की
बैटरी चार्जर के जरिए। ई-रिक्शा चालक कहीं भी चार्जर जोड़कर बैटरी चार्ज
करने लगते हैं।
कानपुर बैटरी उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम बंसल ने
कहा कि कटिया लगाकर ई-रिक्शा की बैटरी चार्ज नहीं की जानी चाहिए। यह बहुत
खतरनाक है। सीधे आ रहा करंट बैटरी का चार्जर तो खराब कर ही सकता है उसमें
विस्फोट भी करा सकता है।
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