झांसी। बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे संगठनों ने आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बिखरे संगठनों को एक मंच पर आने की प्रक्रिया विगत दिनों की गई। वहीं, कई संगठनों का एक समूह बनाते हुए उसे समन्वय समिति का दर्जा दिया गया। अब समन्वय समिति की हुई बैठक में इसका नाम बदलते हुए बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा रखा गया है। यह मोर्चा पृथक राज्य के लिए संघर्ष की रणनीति तैयार करेगा।
रविवार को बुन्देलखंड राज्य निर्माण के लिए कार्यरत संगठनों के समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि समन्वय समिति का नाम बुन्देलखंड संयुक्त मोर्चा होगा, जिसकी दो माह में बैठक होगी। सभी घटक संगठनों के अध्यक्षों का समन्वय मंडल बनाया गया तथा महासचिवों का उप संयोजक मंडल बनाया गया। उप संयोजक मंडल में से प्रवक्ता, मीडिया प्रभारी व व्यवस्थापक बनाया जाएगा।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने बताया कि संयुक्त मोर्चा का एक मात्र उद्देश्य बुंदेलखंड राज्य निमार्ण के लिए कार्य करना होगा। राज्य निर्माण के लिए कार्य किये जाने पर किसी भी घटक संगठन के उत्पीडऩ पर संयुक्त मोर्चा संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार या किसी भी स्तर की वार्ता में पूरा संयुक्त मोर्चा वार्ता करेगा। शीघ्र ही संयुक्त मोर्चा झांसी, लखनऊ, भोपाल एवं दिल्ली में प्रदर्शन भी करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में हम अपना बुंदेलखंड राज्य लेकर रहेंगे। इसके लिए हमे कुछ भी करना पड़े। यहां की भुखमरी, बेकारी, बेरोजगारी, पलायन तभी रुक सकेगा जब पृथक बुंदेलखंड राज्य का निर्माण हो जाएगा। नहीं तो यहां के हालात नहीं सुधर सकते हैं।
बैठक में बाबूलाल तिवारी, दिनेश भार्गव, संजय शर्मा, बृजकिशोर खरे, भारत सिंह यादव,जगमोहन बड़ोनिया ने अपने अपने संघठन का प्रतिनिधित्व किया। बैठक का संचालन भानू सहाय ने किया तथा अंत मे रघुराज शर्मा व वरुण अग्रवाल ने आभार जताया।
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