मछलीशहर। जिला परिषद से नगर पंचायत को स्थानांतरित तहसील के ठीक सामने स्थित लीज की बेशकीमती जमीन पर रातों रात अवैध कब्जा कर लिया गया। रात में हो रहे अवैध कब्जे की जानकारी डीएम और एसडीएम से लेकर पुलिस प्रशासन से लगातार की जाती रही। डीएम और एसडीएम के आश्वासन के बाद भी अवैध कब्जा नहीं रूक पाया। नगर पंचायत प्रशासन भी भूमाफियाओं ,तहसील व पुलिस प्रशासन के सामने निरीह बनी रही। स्थानीय पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। बताया गया कि उक्त बेशकीमती जमीन को कस्बा निवासी लक्ष्मण प्रसाद ने जिला परिषद से लीज पर लिया था। जिसे उन्होंने अपने जीवन काल मे संतोष गुप्ता के हक मे बैनामा कर दिया था। संतोष गुप्ता ने बाद मे उक्त जमीन को दुर्गा प्रसाद के हाथों बेच दिया। दुर्गा प्रसाद काफी लंबे समय से उस पर अपना कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन तत्कालीन प्रशासन के हस्तक्षेप के कारण असफल हो जाते थे। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी धीरज सिंह ने बताया कि कानूनन लीज की जमीन को बेचने का अधिकार ही लक्ष्मण प्रसाद को नहीं था। जिसके स्वामित्व को लेकर दीवानी न्यायालय में मुकदमा भी लम्बित है।
वहीं दुर्गा प्रसाद का कहना है कि उन्होंने जो जमीन खरीदी है वह भूलेख मे आबादी दर्ज है। ईओ ने बताया कि उक्त जमीन पर अवैध कब्जा करने के पहले भी कई प्रयास किये गये लेकिन जिला,तहसील व पुलिस प्रशासन की सक्रियता से सफलता नहीं मिली। नगर पंचायत के रोकने की लाख कोशिश के बावजूद भी सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा हो गया। तहसील व पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान इस प्रकरण में लग रहा है। क्योंकि जो प्रशासन चार दिन पहले निर्माण कार्य रूकवाया । अचानक बुद्धवार की रात भोर में छत पड़ जाना नगर में चर्चा का विषय बन चुका है। वहीं इस बावत एस डी एम डॉ0 विश्राम यादव से पूछा गया तो बताया कि मुझे भी रातों रात छत डालकर अवैध कब्जे की सूचना मिल चुकी है। कार्यवाही अवश्य की जायेगी ।
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