हाथरस। जिन्दगी
का खेल हँसते, हँसते खेलिए, जिन्दगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा, प्रभु प्यार का एक तराना तुम्हें सुनाने आये हैं। आदि गीतों की मधुर
ध्वनि के मध्य लेबर कालोनी के पार्क श्वेत वस्त्रधारी ब्रह्मावत्सों से
देदीप्यमान हो गया। अवसर था अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिस
प्रकार से परमात्मा शिव की महिमा अपरम्परार है। उसी प्रकार महान भारत की
महिमा अपरम्पार है। जहाँ भगवान स्वयं अवतरित होकर सत्य गीताज्ञान और राजयोग
की शिक्षा देते हैं। पाँच विकारों के वशीभूत होकर आत्मा तमोप्रधान बनी है।
इसे सतोप्रधान बनाने के लिए योग की अग्नि चाहिए। योगाग्नि में ही जन्म
जन्मान्तर के विकर्म विनाश होंगे। यह उद्गार लेबर कालोनी मैदान में
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राजयोग एवं सहज ज्ञान
कार्यक्रम राजयोग शिक्षिका बी.के. शान्ता बहिन ने व्यक्त किये।
इससे
पूर्व सभी को ध्यान योग का अभ्यास कराया गया। राजयोग , मूविंग मेडीटेशन
तथा न्यूरोबिक एक्सरसाइज द्वारा भी ब्रह्मावत्सों में नवस्फूर्ति का संचार
किया गया।
बी.के.
शान्ता बहिन ने कहा कि सदा ही सत्य परमात्मा के संग द्वारा अपनी कमी
कमजोरियों को समाप्त करने वाले ही सहज ज्ञान व सहज योगी हैं।
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