अमरीश मनीष शुक्ल। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यूपी के चित्रकूट जिले में डकैतों के सफाये का अभियान चला रही पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। मारकुंडी के मुनगा के जंगलों में लगभग पांच घंटे
डकैतों से पुलिस की मुठभेड हुई। देर शाम अंधेरे का फायदा उठाकर डकैत बीहड
में गायब हो गये। लेकिन रज्जन पटेल गैंग का सरगना रज्जन पुलिस की गोली का
शिकार हो गया। घायल अवस्था में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। अस्पताल में
प्राथमिक उपचार के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
5 घंटे चली मुठभेड़
पुलिस
के अनुसार दोपहर पुलिस को दस्यु सरगना बबुली कोल की लोकेशन मुनगा केक
जंगल में ट्रेस हुई तो मानिकपुर, मारकुंडी, बहिलपुरवा थानों की फोर्स स्वाट
टीम के साथ कांबिंग पर निकली। जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ तो डकैतों से
सामना हो गया। दोनों ओर से गोलियां चलने लगी। लगभग पांच घंटे तक लगातार
रुक रुक कर गोलियां चलती रही। भारी फोर्स व पूरी तैयारी से डकैतों का शिकार
करने पहुंची पुलिस का आक्रामक रुख देखकर डकैत लगातार जंगल में पीछे हटने
लगे। इसी दौरान रज्जन पटेल के पैर में गोली लगी तो वह गिर पड़ा। पहले तो
डकैत उसे ले जाने का प्रयास करते रहे। लेकिन पुलिस के बढते दबाव के आगे सभी
पीछे हट गये। घायल रज्जन को गिरफ्तार कर अस्पताल ले जाया गया। है। डकैत
रज्जन पटेल चित्रकूट के छोटे से गांव छीतूपुर मजरा ददरीमाफी थाना बहिलपुरवा
का रहने वाला है।
ललित पटेल गिरोह का था सदस्य
डकैत
रज्जन पटेल का खौफ कयी वर्षो से बीहड के जंगलों में फैला हुआ था। वह पहले
मध्यप्रदेश के खूंखार डकैत ललित पटेल के गिरोह का सक्रिय सदस्य था। लेकिन
उसकी मंशा सब पर राज करने और अपना खौफ हर ओर फैलाने की थी। जिसके बाद उसने
अपनी खुद के नाम से गैंग बनाई और यूपी व एमपी सीमावर्ती जंगलों में अपना
जंगल राज कायम करने लगा।
रज्जन पर दर्जन भर से अधिक मामले यूपी के थाने
में दर्ज है। जबकि मध्य प्रदेश में भी रज्जन पर ढेरों मुकदमे हैं। आतंक
का पर्याय बने रज्जन पटेल की गिरफ्तारी पुलिस के लिये बडा शुभ कदम है।
फिलहाल यूपी पुलिस का टारगेट अब बबुली कोल है। जिसकी तलाश में लगातार जंगल
में कांबिंग की जा रही है।
क्या मिला है
जिंदा
पकड़े गये डकैत रज्जन पटेल के पास से 303 बोर की राइफल मिली है। साथ में 8
कारतूस व 4 खोखे भी मिले है। रज्जन के पास से मिली राइफल की खासियत यह है
कि यह राइफल पुलिस कर्मी भी इस्तेमाल करते हैं। संभावना है कि यह राइफल
पुलिसकर्मी से ही लूटी गई हो सकती है। पुलिस ने जंगल में सर्च ऑपरेशन
के दौरान फैक्ट्री की बनी 12 बोर की बंदूक, 315 बोर की देशी राइफल व कई
कारतूस भी बरामद की है। मौके से थर्टी स्प्रिंग राइफल के कई खोखे भी बरामद
हुए हैं। लेकिन इसकी रायफल नहीं मिली।
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