इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के नए महाधिवक्ता (सोलिसिटर जनरल) के तौर पर राघवेंद्र सिंह की नियुक्ति के बाद राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है। अभी तक उम्मीद की जा रही थी कि अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव योगी सरकार के साथ काम करेंगे। लेकिन राघवेंद्र सिंह की नियुक्ति से नाराज कमल यादव ने अपना इस्तीफा दे दिया है। शनिवार की देर शाम ही यादव ने राज्यपाल राम नाईक को अपना इस्तीफा भेजा है।
हालांकि राज्यपाल ने अभी इसे स्वीकार नहीं किया है लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार होना तय माना जा रहा है। क्योंकि कमल यादव का बैकग्राउंड सपा से जुड़ा हुआ है और योगी सरकार पूरी तरह से भाजपा समर्थित अधिवक्ताओं को ही इन महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर रही है। जिसका सीधा सा उदाहरण पूर्व भाजपा सांसद राघवेंद्र सिंह की नियुक्ति है।
भारी दबाव में दिया इस्तीफा
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी हैं कि कमल सिंह ने भारी दबाव के चलते इस्तीफा दिया है। भाजपा जहां उनपर पद छोड़ने का दबाव बना रही थी। वही सपा की नाराजगी उनके प्रति बढ रही थी। ऐसे में विरोधी खेमे से आये राघवेंद्र सिंह ने कमल यादव को इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया । राज्यपाल राम नाईक को भेजे गए इस्तीफे में भी उन्होंने इसकी वजह निजी बताई है।
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