एक दिन सुबह रोली ने अपने घर पर एक लैटर पिता के नाम लिखा जिसमें उसने इम्तियाज के साथ घर बसाने की बात बताई और घर से निकल पड़ी। जब पिता ने बेटी का खत पढ़ा तो घर में हड़कंप मच गया और फिर शुरू हुई बेटी की तलाश। सुभाष चौराहे पर इम्तियाज की बाइक पर रोली दो बड़े बैग थामे दिखी तो उसने दोनों को पकड़ लिया। गुस्से में तमतमाते हुए राजेन्द्र ने रोली को मारने की कोशिश की तो हीरो की तरह बीच में आते हुए इम्तियाज ने उन्हें रोका और डायलॉगबाजी शुरू कर दी। ये भी पढ़ें - यहां पति के जिंदा रहते महिलाएं हो जाती हैं विधवा
दोनों रोली को अपने-अपने साथ ले जाने की जिद करने लगे। तमाशबीनों की भीड़ आसपास जमा हो गई। किसी ने सूचना दी तो पुलिस पहुंची और सभी को पकड़ थाने ले गई। पूछताछ के दौरान राजेन्द्र ने रोली को नाबालिग बताते हुए हीरो बने इम्तियाज पर कार्रवाई करने की मांग की। इस पर कार्रवाई करते हुए थाने में मौजूद इंस्पेक्टर सिविल लाइन सुनील कुमार दुबे ने लड़की की मार्कशीट और अन्य दस्तावेज मंगवाए हैं ताकि जन्मतिथि पता चल सके। पुलिस का कहना है कि अगर लड़की बालिग है तो लड़के पर कार्रवाई की जाएगी।
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